जिला अदालतों में भर्ती परीक्षा पत्र लीक होने के मामले में एक व्यक्ति की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
By भाषा | Updated: June 7, 2021 17:51 IST2021-06-07T17:51:15+5:302021-06-07T17:51:15+5:30

जिला अदालतों में भर्ती परीक्षा पत्र लीक होने के मामले में एक व्यक्ति की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
नयी दिल्ली, सात जून दिल्ली की एक अदालत ने जिला अदालतों में भर्ती के लिए परीक्षा का पर्चा कथित रूप से लीक होने के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तारी से पहले जमानत देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि अपराध गंभीर प्रकृति का है और ऐसा लगता है कि वह पूरे रैकेट में शामिल लोगों के बारे में जानता है जिसके लिए उसे हिरासत में लेकर पूछताछ किये जाने की आवश्यकता है।
दिल्ली जिला न्यायालयों में फरवरी में चपरासी, गार्ड, सफाईकर्मी और अन्य के पद के लिए परीक्षा देने वाले कई अभ्यर्थियों को ‘ब्लूटूथ डिवाइस’ जैसे अनुचित साधनों का उपयोग करते हुए कथित तौर पर धोखाधड़ी करते पकड़ा गया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शिवाजी आनंद ने मामले में आरोपी अमित की अग्रिम जमानत याचिका को इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए खारिज कर दिया कि, ‘‘याचिकाकर्ता की भूमिका बहुत गंभीर प्रकृति की है और वह उन लोगों के बारे में अच्छी प्रकार से जानता है जो इस पूरे रैकेट के पीछे हैं।’’
पांच जून की तिथि पर दिये आदेश में न्यायाधीश ने कहा कि जांच एजेंसी द्वारा अमित को हिरासत में लेकर पूछताछ की जानी है।
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा मामले की जांच कर रही है और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
सुनवाई के दौरान, दिल्ली पुलिस की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक संजय जिंदल ने अदालत को बताया कि अमित ने सह-आरोपी हरदीप को किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से ‘ब्लूटूथ डिवाइस’ की व्यवस्था करने में मदद की थी।
अभियोजक ने कहा कि आरोपी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है और वह अपने घर से फरार है और जानबूझकर गिरफ्तारी से बच रहा है।
अमित की ओर से पेश अधिवक्ता महावीर शर्मा ने दलील दी कि उसे बलि का बकरा बनाया जा रहा है और ब्लूटूथ सहित किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से उसका कोई लेना देना नहीं है।
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