कांग्रेस को एक और झटका, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते हुए बीजेपी में शामिल, पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कांग्रेस पर किया हमला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 14, 2024 03:03 PM2024-02-14T15:03:26+5:302024-02-14T15:08:14+5:30
दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते विभाकर शास्त्री ने बुधवार को कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है।
नई दिल्ली: दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते विभाकर शास्त्री ने बुधवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया।इसके बाद में वह उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार भाजपा में शामिल होने से एक घंटे विभाकर शीस्त्री ने सोशल प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर किये पोस्ट में लिखा, "माननीय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गेजी, आदरणीय महोदय, मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा देता हूं।"
#WATCH | Vibhakar Shastri says, "...I think under the leadership of PM Narendra Modi, I will be able to serve the country by further strengthening Lal Bahadur Shastri's vision of 'Jai Jawan, Jai Kisan'..." https://t.co/6zSgwzSJhQpic.twitter.com/nSdWwnHXIX
— ANI (@ANI) February 14, 2024
कांग्रेस से इस्तीफा देने के हाद उन्होंने पुरानी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के 'जय जवान, जय किसान' के सपने को पूरा करने में सक्षम होंगे।
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मैं लाल बहादुर शास्त्री के 'जय जवान, जय किसान' के दृष्टिकोण को मजबूत करते हुए मैं देश की सेवा कर सकूंगा।"
मालूम हो कि लाल बहादुर शास्त्री एक गांधीवादी थे, जो 1964 में जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद भारत के प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने साल 1965 में पाकिस्तान के थोपे गये जंग का बेहद बाहदुरी से मुकाबला किया था और पड़ोसी देश को धूल चटा दिया था।
लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री बनने से पहले पंडित जवाहर लाल नेहरू की सरकार में साल 1961 से 1963 के बीच देश के गृहमंत्री भी रहे थे।
वहीं अगर उनके पोते विभाकर शास्त्री की बात करें तो वह ऐसे समय में भाजपा में शामिल हुए हैं, जब देश की सियासत में लगातार नेहरू की विरासत पर हमले हो रहे हैं। सत्ता में मौजूद भारतीय जनता पार्टी ने देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू की नीतियों की जमकर आलोचना कर रही है और देश की मौजूदा समस्याओं के लिए नेगरू सरकार की कथित गलतियों और कार्यशैली को जिम्मेदार ठहरा रही है।
सत्ताधारी भाजपा के प्रभाव में कंग्रेस ने बीते कुछ हफ्तों में अपने कई धुरंधर नेताओं को खोया है। बीते मंगलवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। उनसे पहले मिलिंद देवड़ा ने पार्टी छोड़कर एकनाथ शिंदे की शिवसेना की दामन थाम लिया था और बाबा सिद्दीकी ने कांग्रेस छोड़कर अजित पवार की एनसीपी में शामिल हो गए थे।