राकांपा प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि अनिल देशमुख को 'हताशा' के चलते परेशान करने का प्रयास किया जा रहा है क्योंकि उनके और उनके परिवार के खिलाफ जांच में कुछ भी सामने नहीं आया है। उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने देशमुख की संपत्तियों पर छापेमारी की है।
ईडी ने शुक्रवार को देशमुख के नागपुर और मुंबई स्थित आवासों पर छापेमारी की। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद राकांपा नेता देशमुख ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। पवार ने कहा, 'पहले कुछ (केंद्रीय) एजेंसियों ने उनके बेटे के कारोबार पर ध्यान दिया था...जहां तक मुझे पता है, उन्हें कुछ नहीं मिला। इसलिए हताशा में, यह कोशिश की जा रही है कि क्या उन्हें (अनिल देशमुख) को किसी अन्य तरीके से परेशान किया जा सकता है।'
सत्ता के इस्तेमाल का नया चलन
पवार ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'ये सभी चीजें हमारे लिए नई नहीं हैं। अनिल देशमुख (ऐसी कार्रवाई का सामना करने वाले) पहले नहीं हैं। सत्ता में रहने वालों ने सत्ता के इस्तेमाल का एक नया चलन दिखाया है। अब उस मुद्दे पर बात करने की जरूरत नहीं है। हम इसके बारे में बिल्कुल भी चिंतित नहीं हैं।'
सीबीआई जांच की मांग का प्रस्ताव कभी सुना नहीं-पवार
प्रदेश भाजपा द्वारा राकांपा नेता एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार और शिवसेना मंत्री अनिल परब के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग का प्रस्ताव पारित किये जाने के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि यह अनोखी बात है। पवार ने कहा, 'एक राष्ट्रीय दल द्वारा किसी विपक्षी दल के नेताओं के खिलाफ जांच की मांग का प्रस्ताव पारित करना कभी सुना नहीं गया है। चंद्रकांत पाटिल (प्रदेश भाजपा प्रमुख) ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं, वह ऐसे काम कर सकते हैं जिसके बारे में अभी तक देखा या सुना नहीं गया है, इसलिए हमें आश्चर्य नहीं है।' पवार एक कार्यक्रम के बाद बोल रहे थे, जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध मोहिते अपने समर्थकों के साथ राकांपा में शामिल हुए। मोहिते इससे पहले कई अन्य पार्टियों में रह चुके हैं।
सुप्रिया सुले ने आपातकाल बताया
भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि देशमुख के खिलाफ जांच उच्च न्यायालय के आदेश के तहत हो रही है और राज्य के पूर्व गृहमंत्री के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताना गलत है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने नागपुर हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'ये सभी जांच उच्च न्यायालय के निर्देश पर हो रही है। उनमें राजनीतिक कारण तलाशने की कोई वजह नहीं है। हम मानते हैं कि एजेंसिया उच्च न्यायालय के निर्देश पर काम कर रही हैं।' राकांपा सांसद सुप्रिया सुले द्वारा ईडी की तलाशी आपातकाल के हालात जैसे करार दिए जाने वाले बयान पर फड़नवीस ने कहा, ‘‘ उन्होंने वर्ष 1975-77 के दौर को अनुभव नहीं किया है जिसकी पहचान प्रेस पर सेंसरशिप और नागरिक अधिकारों को निलंबित करने से है।
हमने आपातकाल का अनुभव किया है-फड़नवीस
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष फडणवीस ने कहा, 'सुप्रिया सुले ने आपातकाल को नहीं देखा है क्योंकि उस समय वह बच्ची थी...यहां तक उस समय मैं भी बच्चा था। उन्होंने आपातकाल का अनुभव नहीं किया है....लेकिन हमने आपातकाल का अनुभव किया है। मेरे पिता बिना किसी मुकदमे के 21 महीने तक जेल में रहे। उनकी तरह लाखों लोग थे। जॉर्ज फर्नांडिज (समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री) को बर्फ की सिल्लियों पर सोने को मजबूर किया गया। आप आपातकाल के बारे में क्या जानती हैं? उच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित जांच को आपातकाल से जोड़ना गलत है।' शिवसेना नेता संजय राउत द्वारा राममंदिर जमीन खरीद सौदे की सीबीआई जांच कराने की मांग के बारे में पूछे जाने पर फड़नवीस ने कहा, 'वह (राउत) राकांपा की भाषा बोल रहे हैं। क्या उन्हें अयोध्या के बारे में बोलने का कोई हक है? क्या आपने अयोध्या के लिए कोई योगदान दिया है? वे हम हैं जिन्होंने अयोध्या के लिए लड़ा...और अब उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है।'
धनशोधन मामले में तलाशी ली गई
अधिकारियों ने बताया कि ईडी ने धनशोधन के मामले में देशमुख की मुंबई और नागपुर स्थित ठिकानों की शुक्रवार को तलाशी ली। केंद्रीय एजेंसी ने सीबीआई की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद देशमुख और अन्य के खिलाफ पिछले महीने धनशोधन निरोधी कानूनी के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था।