अनिल एंटनी ने कहा, "पिता एके एंटनी जीवन भर जिस कांग्रेस में रहे, आज वो विनाश के रास्ते पर है"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 9, 2023 02:09 PM2023-04-09T14:09:00+5:302023-04-09T14:15:42+5:30
केरल भाजपा के नेता अनिल एंटनी ने एके एंटनी की राजनीतिक प्रतिबद्धता पर जबरदस्त सवाल उठाते हुए कहा कि मेरे पिता एके एंटनी ने जिस कांग्रेस में अपना जीवन बिता दिया, आज वह कांग्रेस 'विनाशकारी' दिशा में जा रही है।
तिरुवनंतपुरम: भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए केरल के तीन बार मुख्यमंत्री रहे एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने पिता की राजनीति विचारधारा और कांग्रेस पार्टी पर गहरे सवाल खड़े करते हुए कहा कि मौजूदा सियासी माहौल में कांग्रेस पार्टी विध्वंस की राजनीति कर रही है।
अनिल एंटनी ने कांग्रेस पार्टी और अपने पिता एके एंटनी की राजनीतिक प्रतिबद्धता पर जबरदस्त सवाल उठाते हुए कहा कि मेरे पिता एके एंटनी ने जिस कांग्रेस में अपना जीवन बिता दिया, जिस पार्टी से जुड़ी राजनीति के लिए उन्हें पहचाना जाता है, आज वह कांग्रेस 'विनाशकारी' दिशा में जा रही है।
बीते 6 अप्रैल को भाजपा की सदस्यता लेने वाले अनिल एंटनी ने कांग्रेस विरोधी दल होने के संकेत जनवरी में ही दिये थे, जब उन्होंने बीबीसी विवाद पर कांग्रेस के खिलाफ सारे पदों से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस छोड़ते वक्त अनिल केरल कांग्रेस डिजिटल मीडिया के कन्वेनर और कांग्रेस सोशल मीडिया और डिजिटल सेल के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी निभा रहे थे।
अनिल एंटनी के पिता एके एंटनी का न केवल केरल बल्कि देश की राजनीति में बड़ा कद रहा है। केरल में पिछले 6 दशक से कांग्रेस की मजबूत उपस्थिति होने में एंटनी का बहुत बड़ा रोल रहा है। वो तीन बार केरल के मुख्यमंत्री रहे हैं, इसके अलावा यूपीए शासन में वो देश के रक्षा मंत्री भी रहे हैं।
के करुणाकरण के बाद कांग्रेस केरल की राजनीति एके एंटनी बहुत बड़े क्षत्रप माने जाते हैं, बावजूद उसके एंटनी के बेटे अनिल का भाजपा में जाना 82 साल के एके एंटनी के लिए किसी सियासी झटके से कम नहीं है।
हालांकि, एके एंटनी ने बेटे अनिल एंटनी के भाजपा में शामिल होने पर अपनी स्थिति स्पष्ट की और इसे अनिल का "गलत निर्णय" करार दिया है। लेकिन एक ही परिवार में पिता और पुत्र में इतना बड़ा वैचारिक विरोध कांग्रेस के लिए जरूर परेशानी का सबब बनने वाला है। वैसे एके एंटनी ने कहा है कि वो अपनी अंतिम सांस तक कांग्रेसी बने रहेंगे बावजूद इसके 2024 के लोकसभा चुनाव में सत्ताधारी वामदल के आगे कमजोर नजर आ रही कांग्रेस को भाजपा ने अभी से भारी जख्म दे दिया है।