अमरावती: देश के तमाम हिस्सों से प्रवासी मजदूरों की दुखद परिस्थितियों में पलायन की खबरों के बीच आंध्र प्रदेश से एक दिल को राहत देने वाला एक समाचार आया है, जहां एक महिला आईपीएस अधिकारी ने रात देर-देर तक जागकर प्रवासी मजदूरों के लिए खाना बनाया। विजयनगरम पुलिस अधीक्षक बी. राजा कुमारी पूरे दिन ड्यूटी करने के बाद घर जाने ही वाली थी तभी उन्होंने देखा कि उनके फोन पर एक मिसकॉल है।
राजा कुमारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ मैंने अपने फोन पर मिसकॉल देखी। मैंने उस नंबर पर वापस फोन किया और तभी एक महिला ने कमजोर सी आवाज में खाना और पानी मांगा। मैंने अपने सह-कर्मियों से पूछा कि क्या खाने का इंतजाम हो सकता है लेकिन उन्होंने कहा कि इस समय कुछ नहीं मिल पाएगा।’’ कुछ लोगों ने प्रवासियों को ब्रेड देने का सुझाव दिया लेकिन राजा कुमारी को लगा की इससे उनकी भूख नहीं मिटेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ फिर मैंने लेमन राइस (नींबू चावल) बनाने का निर्णय लिया। मैं यहीं कर सकती भी थी, यहीं एक ऐसा भोजन है जिसे कोई भी महिला तुरन्त बना सकती है।’’ फोन करके मदद मांगने वाली विजयनगरम की निवासी ममता, उनके पति और कुछ अन्य लोग नेल्लूर से 700 किलोमीटर का सफर तय करके यहां आए थे, वहां पर ये लोग मजदूरी करते थे। कोविड-19 से निपटने के लिए लगे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण उनकी नौकरी छूट गई थी और पैसे भी नहीं थे इसलिए उन्होंने यहां पैदल लौटने का निर्णय लिया।
थकावट में चूर और भूख से परेशान उसने मंगलवार को सहायता समूह को फोन किया था। ममता ने एसपी को बताया कि वह शहर से 25 किलोमीटर दूर एक नाके पर रुके हैं और भूख से तड़प रहे हैं। इसके बाद एसपी ने उनके लिए खाना बनाया और रात करीब डेढ़ बजे खाना लेकर वहां पहुंची। उस समूह को पृथक-केन्द्र भेज दिया गया है। राजा कुमारी ने बताया कि जिले के 75 पृथक-केन्द्रों में कम से कम 7,000 लोग हैं।