आंध्र प्रदेश सरकार कानूनी मामलों की ऑनलाइन निगरानी करने वाली प्रणाली स्थापित कर रही है
By भाषा | Updated: August 28, 2021 19:51 IST2021-08-28T19:51:10+5:302021-08-28T19:51:10+5:30

आंध्र प्रदेश सरकार कानूनी मामलों की ऑनलाइन निगरानी करने वाली प्रणाली स्थापित कर रही है
आंध्र प्रदेश सरकार विभिन्न अदालतों में ढेर सारे मामलों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए कानूनी मामलों की एक ऑनलाइन निगरानी प्रणाली (ओएलसीएमएस) स्थापति कर रही है। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के एप्लिकेशन प्रोटोकॉल इंटरफेस (एपीआई) का उपयोग कर यह नई ऑनलाइन प्रणाली विभिन्न सरकारी विभागों को विभिन्न याचिकाओं से निपटने में मदद करेगी। आधिकारिक सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि वास्तविक समय के आधार पर मामलों की निगरानी के लिए एक डैशबोर्ड भी बनाया जा रहा है। साथ ही, सभी सरकारी वकीलों के कार्यालयों को स्वचालित किया जाएगा और निगरानी तथा प्रतिक्रिया में आसानी के लिए मामलों को ठीक से अनुक्रमित किया जाएगा। आंध्र प्रदेश सरकार उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में 1.94 लाख मुकदमा लड़ रही है, जिसकी वजह से सरकार पर भारी बोझ है। हर दिन, औसतन 450 नई (रिट) याचिकाएं सरकार के खिलाफ दायर की जा रही हैं। सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अदालत की अवमानना के कम से कम 8,000 मामले लंबित हैं। अधिकारियों के मुताबिक यह सब प्रशासन के लिए मुश्किल भरा काम साबित हो रहा है। राज्य के मुख्य सचिव आदित्य नाथ दास ने हाल ही में महाधिवक्ता श्रीराम सुब्रमण्यम, कानून सचिव और अन्य शीर्ष नौकरशाहों के साथ बढ़ते मुकदमे से उचित तरीके से निपटने का तरीका खोजने के लिए एक विचार-विमर्श सत्र आयोजित किया। अधिकारियों ने बताया कि ओएलसीएमएस मुख्य सचिव की बैठक का नतीजा है। पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बाबू अहमद को राज्य सरकार के स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। अब प्रत्येक विभाग संबंधित विभागों से संबंधित सभी लंबित अदालती मामलों की निगरानी के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करेगा। सूत्रों ने बताया कि विभागों को अदालत में सुनवाई, जवाबी हलफनामे, अवमानना के मामले और ऐसे अन्य मामलों जुड़े अलर्ट भेजे जाएंगे।
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