'भारत के खिलाफ कभी शर्त मत लगाना', अडाणी संकट के बहाने देश की क्षमता पर सवाल उठा रहे लोगों को आनंद महिंद्रा ने दिया जवाब
By शिवेंद्र राय | Published: February 4, 2023 12:12 PM2023-02-04T12:12:53+5:302023-02-04T12:14:22+5:30
आनंद महिंद्रा का ये ट्वीट उन लोगों को जवाब माना जा रहा है जो अडाणी समूह के शेयरों की कीमत में आई भारी गिरावट के बाद इस संकट के जरिए भारत की आर्थिक ताकत पर सवाल उठा रहे थे।
नई दिल्ली: भारत की आर्थिक ताकत और अर्थव्यस्था पर सवाल उठा रहे लोगों को पद्म विभूषण से सम्मानित उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने करारा जवाब दिया है। आनंद महिंद्रा ने एक ट्वीट कर लिखा, "अंतरराष्ट्रीय मीडिया में अटकलें लगाई जा रही है कि क्या बिजनेस सेक्टर की मौजूदा चुनौतियाों के बीच भारत की आर्थिक ताकत बनने का सपना पूरा हो सकेगा? मैंने भूकंप, सूखा, मंदी, युद्ध और आतंकवादी हमलों के कई दौर देखे हैं। मैं केवल यही कहूंगा कि भारत के खिलाफ कभी शर्त मत लगाना।"
Global media is speculating whether current challenges in the business sector will trip India’s ambitions to be a global economic force. I’ve lived long enough to see us face earthquakes, droughts, recessions, wars, terror attacks. All I will say is: never, ever bet against India
— anand mahindra (@anandmahindra) February 4, 2023
माना जा रहा है कि आनंद महिंद्रा का ये ट्वीट उन लोगों के जवाब है जो अडाणी समूह के शेयरों की कीमत में आई भारी गिरावट के बाद इस संकट के जरिए भारत की आर्थिक ताकत पर सवाल उठा रहे थे। ट्विटर पर एक करोड़ से अधिक फॉलोअर्स वाले आनंद महिंद्रा सोशल मीडिया पर लगातार सक्रिय रहते हैं और सम-सामयिक मुद्दों पर अपनी राय भी देते रहते हैं।
क्या है अडाणी संकट
25 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग ने अडाणी ग्रुप के संबंध में एक रिपोर्ट जारी करते हुए अडाणी समूह के कारोबार में कई तरह के फर्जीवाड़े का दावा किया था। इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होते ही अडाणी ग्रुप के शेयरों में जबरदस्त गिरावट देखी गई और देखते ही देखते दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति से गौतम अडाणी लुढ़कर शीर्ष 20 अमीरों की सूची से बाहर हो गए।
समूह पर लगातार उठ रहे सवालों के बीच अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के 20 हजार करोड़ रुपये के एफपीओ को भी वापस लेना पड़ा। अडानी समूह पर आए संकट को लेकर देश में राजनीति भी जारी है और संसद के बजट सत्र में इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने अडानी समूह संकट की संयुक्त संसदीय समिति या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है।
दरअसल भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और एलआईसी ने भी अडाणी समूह में निवेश किया हुआ है। अडाणी समूह की कंपनियों की मौजूदा हालत को देखते हुए ये सवाल उठ रहा है कि जनता के जिन पैसों का एसबीआई और एलआईसी ने अडाणी समूह में निवेश किया है, क्या वह सुरक्षित है? हालांकि इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कह चुकी हैं कि एसबीआई और एलआईसी दोनों ने विस्तृत बयान जारी किए है और उन्होंने कहा है कि वे अपने निवेश के मुकाबले मुनाफे में हैं।