अमृतसर रेल हादसा: नवजोत सिद्धू को जांच आयोग के समक्ष पेश होने से मिली छूट, अधिकारी ने कहा- जवाब से हम संतुष्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 3, 2018 02:54 AM2018-11-03T02:54:45+5:302018-11-03T02:54:45+5:30
अमृतसर में विजय दशमी(19 अक्टूबर) के दिन रावण दहन के वक्त हुए रेल हादसे में 62 लोग मारे गए थे। अमृतसर का हादसा रेलवे के इतिहास में भीषण हादसों में से एक है।
अमृतसर में विजय दशमी 19 अक्टूबर के दिन रावण दहन के वक्त हुए रेल हादसे की जांच कर रहे एक सदस्यीय जांच आयोग के समक्ष पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू शुक्रवार को पेश नहीं हुए। इस रेल हादसे में 62 लोगों की मौत हुई थी। जिसके बाद शुक्रवार को अमृतसर में मौजूद सिद्धू ने मीडिया से बातचीत में कहा, मैंने वहां अनुपस्थिति होकर सही किया है। मैंने जांच आयुक्त को लिखीत में बताया है कि कि मैं 16 से 20 अक्टूबर के बीच पंजाब में नहीं था, तो ऐसे में कोई इनपुट नहीं है जो आपकी आपकी कार्यवाही में शामिल हो सके।
अब इस मामले में जांच कर रहे अधिकारी ने पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को क्लीन चिट देते हुए उन्हें दुर्घटना की जांच कर रहे आयोग के समक्ष पेश होने से छूट दे दी है। जालंधर के संभागीय आयुक्त बी. पुरुषार्थ अमृतसर रेल हादसे की जांच कर रहे हैं।
सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर के जवाब से संतुष्ट हैं जांच अधिकारी
सिद्धू को क्लीन चिट देते हुए पुरुषार्थ ने यहां पत्रकारों को बताया कि आयोग सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के जरिए एक पत्र में मंत्री की ओर से दिए गए जवाब से संतुष्ट है और उन्हें आयोग के समक्ष पेश होने से छूट दे दी गई है।
बीते 31 अक्टूबर को जांच आयोग ने सिद्धू दंपती से कहा था कि वह पेश होकर अपना बयान दर्ज कराएं।
पुरुषार्थ ने कहा कि नवजोत कौर सिद्धू से ट्रेन हादसे और उस दशहरा कार्यक्रम के बारे में कई सवाल किए गए गए जिसमें वह मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुई थीं। उनके जवाब संतोषजनक थे।
इतिहास के भीषण हादसों में एक अमृतसर रेल हादसा
अमृतसर में विजय दशमी(19 अक्टूबर) के दिन रावण दहन के वक्त हुए रेल हादसे में 62 लोग मारे गए थे। अमृतसर का हादसा रेलवे के इतिहास में भीषण हादसों में से एक है। इस मामले को लेकर पंजाब हाई कोर्ट में सीबीआई जांच के लिए याचिका भी दायर की गई थी। अमृतसर में जौड़ा फाटक के निकट ये घटना हुई थी।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने यह भी निर्देश दिया हुआ है कि हादसे में पीड़ित परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का ब्यौरा तैयार किया जाए। खबरों के मुताबिक पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के इस निर्देश के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि मुआवजा को बढ़ाया जा सकता है। फिलहाल पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की राशि पॉंच-पॉंच लाख रुपए तय की गई है।