अमृतसर रेल हादसा: पीड़ित बोले, अब तक नहीं मिला न्याय, रेलवे ट्रैक पर करेंगे प्रदर्शन, पंजाब पुलिस सतर्क
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 8, 2019 12:39 PM2019-10-08T12:39:06+5:302019-10-08T12:53:02+5:30
पिछले साल 19 अक्टूबर को दशहरा के मौके पर पटरी पर खड़े होकर रावण का पुतला दहन देख रहे लोग एक ट्रेन की चपेट में आ गये थे।
पिछले साल विजयदशमी के मौके पर अमृतसर में एक दर्दनाक रेल हादसा हुआ, जिसमें करीब 60 लोगों की जान चली गई थी। अमृतसर ट्रेन दुर्घटना के एक साल होने पर पीड़ित परिजन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। परिजनों का कहना है कि रेल दुर्घटन के एक साल हो गए, लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिला है। इसलिए हम रेलवे ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं। हालांकि इससे पहले भी परिजन अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं।
एएनआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक परिजनों का कहना है कि पूरे साल हमें कई कार्यालयों के चक्कर काटने पड़े। वहीं, पंजाब पुलिस पूरी तरह सतर्क है। अमृतसर डीसीपी जगमोहन सिंह ने कहा कि हमने रेलवे ट्रैक पर फोर्स तैनात किए गए हैं। उन्होंने बताया कि अगर प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर जाते हैं तो जीआरपी (गवर्नमेंट रेलवे पुलिस) के ड्यूटी ऑफिसर उन्हें वहां जाने की अनुमति नहीं देंगे।
Punjab: Families of the victims of 2018 Amritsar train accident take out a protest march in Amritsar; say "It has been a year but justice has not been meted out to us yet. So we are going to sit on protest on railway track. We had to do several rounds of offices the entire year." pic.twitter.com/KFPG3mcHp8
— ANI (@ANI) October 8, 2019
डीसीपी जगमोहन सिंह ने कहा कि दशहरे के लिए 10 स्थान हैं, एक एडीसीपी (अतिरिक्त पुलिस आयुक्त) रैंक का अधिकारी प्रत्येक के सभी में मौजूद है।
Amritsar DCP Jagmohan Singh: CP (Commissioner of Police) himself has visited the venues. Security forces have been deployed as per the crowd in these venues. This year there is no venue with a railway track nearby. #Punjabhttps://t.co/m0QPgo7I4a
— ANI (@ANI) October 8, 2019
इससे पहले परिजनों ने कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के आवास के बाहर प्रदर्शन किया था और सरकारी नौकरियों की मांग की थी। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया था कि सिद्धू दंपति ने प्रत्येक पीड़ित के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था और वे अपना वादा निभाने में विफल रहे है।
उन्होंने दावा किया कि नवजोत सिंह सिद्धू ने उन परिवारों को गोद लेने का वादा किया था जो अपने कमाऊ सदस्य को खो चुके थे और उनके मासिक रसोई खर्च को वहन करने का भी वादा किया गया था। उन्होंने मांग की कि ट्रेन हादसे की मजिस्ट्रेट जांच का नतीजा उन्हें बताया जाये।
जानिए पूरा मामला
पिछले साल 19 अक्टूबर को दशहरा के मौके पर पटरी पर खड़े होकर रावण का पुतला दहन देख रहे लोग एक ट्रेन की चपेट में आ गये थे। इस हादसे में लगभग 60 लोगों की मौत हो गई थी। यहां जोड़ा फाटक के निकट हुई इस दुर्घटना में 72 लोग घायल हुए थे। सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू दशहरा के मौके पर आयोजित हुए इस समारोह की मुख्य अतिथि थीं।