पटनाः बिहार में एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी कटिहार, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज जैसे जिलों में चुनाव लड़ रही है। 24 सीटों वाले, मुस्लिम आबादी 40 से 70 प्रतिशत के बीच है।
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम की एंट्री से इस क्षेत्र में एनडीए और महागठबंधन के बीच की लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है। पार्टी ने सीमांचल क्षेत्र की 24 मुस्लिम बहुल सीटों में से 14 पर उम्मीदवार उतारे हैं।
असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने पिछले साल अक्टूबर में किशनगंज विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल करने के बाद न सिर्फ बिहार में खाता खोला था बल्कि एनडीए और महागठबंधन में हलचल भी मचा दी थी।
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी तीन सीट पर आगे हैं। कांग्रेस ने भाजपा की ‘बी’ टीम करार दिया। बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने छह दलों के नए मोर्चे की घोषणा की थी।
इस मोर्चे से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा होंगे । उपेंद्र कुशवाहा ने संवाददााओं को बताया, ‘‘ इस मोर्चे का नाम ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेकुलर फ्रंट रखा गया है जिसमें कुल छह पार्टियां शामिल हैं और इस मोर्चे के संयोजक पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव रहेंगे।’’ इन छह दलों में रालोसपा, एआईएमआईएम, बसपा, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक और जनतांत्रिक पार्टी सोशलिस्ट शामिल है।