ममता बनर्जी के गढ़ में आज अमित शाह, एनआरसी पर कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में रखेंगे अपनी बात
By विनीत कुमार | Published: October 1, 2019 09:22 AM2019-10-01T09:22:17+5:302019-10-01T09:22:17+5:30
अमित शाह का यह कार्यक्रम बेहद अहम है। एक ओर ममता लगातार कहती रही हैं कि एनआरसी पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होगा वहीं, शाह इसे पूरे देश में लागू करने की बात करते रहे हैं।
गृह मंत्री अमित शाह आज कोलकाता दौरे पर होंगे। इस दौरान अमित शाह नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) और नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 को लेकर एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करेंगे। यह कार्यक्रम कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में होना है। अमित शाह का दौरा का कोलकाता दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार एनआरसी का विरोध करती रही हैं।
ममता इस मामले को लेकर सड़कों पर भी उतर चुकी हैं और यह भी साफ कर चुकी हैं कि पश्चिम बंगाल में एनआरसी कभी लागू नहीं होगा। बहरहाल, ऐसे में आज सभी की नजरें इस पर जरूर होंगी कि अमित शाह क्या बोलते हैं। बीजेपी सूत्रों के अनुसार शाह कोलकाता में एक सामुदायिक दुर्गा पूजा का उद्घाटन भी करेंगे। गृह मंत्री बनने के बाद अमित शाह का यह पहला पश्चिम बंगाल का दौरा है।
Union Home Minister Amit Shah to visit Kolkata today; to speak on National Register of Citizens (NRC) and Citizenship Amendment Bill at Netaji Indoor Stadium. (file pic) #WestBengalpic.twitter.com/HdRTHKbt6Y
— ANI (@ANI) October 1, 2019
अमित शाह का यह कार्यक्रम ऐसे वक्त में भी हो रहा है जब पश्चिम बंगाल में एनआरसी के लागू होने के कथित भय से 11 लोगों की मौत हो चुकी है। इसलिए भी इस कार्यक्रम की अहमियत ज्यादा है। सैकड़ों लोग शहर और राज्य के अन्य हिस्सों में अपने जन्म प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज लेने के लिए सरकारी और नगर निकाय के दफ्तरों के बाहर कतार लगाए खड़े हैं, ताकि अगर राज्य में एनआरसी को लागू किया जाए तो उनकी तैयारी पूरी रहे। अमित शाह बार-बार यह कह रहे हैं कि पूरे देश में एनआरसी को लागू किया जाएगा।
प्रदेश भाजपा नेताओं के मुताबिक, शाह के इस कार्यक्रम की काफी अहमियत है, क्योंकि वह टीएमसी के सभी आरोपों तथा पार्टी द्वारा एनआरसी पर पैदा की गई ‘गलतफहमियों’ का जवाब दे सकते हैं। प्रदेश भाजपा के एक नेता के अनुसार टीएमसी ने एनआरसी को लेकर राज्य में जानबूझकर दहशत पैदा करने की कोशिश की।
बता दें कि असम, देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां एनआरसी की कवायद की गई है। एनआरसी की 31 अगस्त को प्रकाशित सूची में 19 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं है। इनमें से 12 लाख हिन्दू हैं। एनआरसी 1985 के असम समझौते के तहत और उच्चतम न्यायालय की निगरानी में हुई है।
(भाषा इनपुट भी)