CPM राजनीतिक बदले की बात न करे, केरल में हमारे 120 कार्यकर्ताओं की हत्या हुई: अमित शाह
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 4, 2019 03:00 PM2019-12-04T15:00:24+5:302019-12-04T15:00:24+5:30
उच्च सदन में शून्यकाल में भाजपा के जीवीएल नरसिम्हा राव ने पुलिस जांच का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में पुलिस की जांच के राजनीतिकरण के प्रयास हुए हैं जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होता है। राव ने कहा कि कोरेगांव भीमा मामले की जांच और खुलासों से पूरा देश हिल गया।
कोरेगांव भीमा घटना से जुड़े आपराधिक मामले कथित तौर पर वापस लिए जाने के महाराष्ट्र सरकार के कदम का मुद्दा बुधवार को राज्यसभा में उठाए जाने पर भाजपा और वाम दलों के सदस्यों के बीच तीखी तकरार हुई। इस दौरान सीपीएम सांसद का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा,"कम्युनिस्ट पार्टी के लोगों को राजनीतिक बदले पर बोलने की कोई जरूरत नहीं है।" इसके आगे उन्होंने यह भी कहा कि केरल में राजनीतिक बदले के तहत बीजेपी व आरएसएस के 120 कार्यकर्ताओं की हत्या हुई।
बता दें कि उच्च सदन में शून्यकाल में भाजपा के जीवीएल नरसिम्हा राव ने पुलिस जांच का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में पुलिस की जांच के राजनीतिकरण के प्रयास हुए हैं जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होता है। राव ने कहा कि कोरेगांव भीमा मामले की जांच और खुलासों से पूरा देश हिल गया।
उन्होंने कहा कि इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत आरोप लगाए गए। भाजपा सदस्य ने कहा ‘‘लेकिन अब, यूएपीए के तहत गिरफ्तार किए गए लोगों को रिहा करने की मांगें उठ रही हैं जो पूरी तरह राजनीतिक हैं। इससे स्पष्ट होता है कि यह राजनीतिकरण का प्रयास है।’’ राव ने केंद्र से राज्य सरकारों को यह सलाह देने का अनुरोध किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा से किसी तरह का समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ऐसा ही एक मामला केरल का भी है। इस पर वाम सदस्यों बिनोय विश्वम, के के रागेश और इलामारम करीम ने तत्काल विरोध जताया। केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा की सरकार है। सभापति एम वेंकैया नायडू ने विरोध कर रहे वाम सदस्यों से शांत रहने की अपील की और राव से कहा कि वह किसी भी राजनीतिक दल का नाम न लें। हंगामा कर रहे वाम सदस्यों से नायडू ने कहा ‘‘... आप निर्देश नहीं दे सकते।’’ सभापति ने यह भी कहा कि शून्यकाल में राजनीतिक बयान की अनुमति नहीं है।
उल्लेखनीय है कि कोरेगांव भीमा युद्ध की 200वीं बरसी पर पिछले साल एक जनवरी को पुणे के समीप स्मारक पर लोग एकत्र हुए थे। जब भीड़ वापस जा रही थी उसी दौरान हिंसा हुयी जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई थी। शून्यकाल में ही कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद सिंह, भाजपा के डॉ अशोक बाजपेयी, किरोड़ीलाल मीणा और डॉ डी पी वत्स, बीजद के प्रशांत नंदा, एमडीएमके सदस्य वाइको, मनोनीत शंभाजी छत्रपति और के टी एस तुलसी ने भी लोक महत्व से जुड़े अपने अपने मुद्दे उठाए।