अमित शाह ने कहा- भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक सुस्ती का असर है, वित्त मंत्री की प्रशंसा की

By भाषा | Published: December 18, 2019 06:21 AM2019-12-18T06:21:45+5:302019-12-18T06:23:47+5:30

भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में घटकर 4.5 प्रतिशत रह गई। छह साल से अधिक समय में यह सबसे कम वृद्धि दर रही है। इस दौरान उपभोक्ता मांग और विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट तथा निजी क्षेत्र के निवेश में कमजोरी रही।

Amit Shah said- the global sluggishness has an impact on the Indian economy, praised the Finance Minister | अमित शाह ने कहा- भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक सुस्ती का असर है, वित्त मंत्री की प्रशंसा की

अमित शाह ने कहा- भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक सुस्ती का असर है, वित्त मंत्री की प्रशंसा की

अर्थव्यवस्था में गहराती सुस्ती के बीच केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि वैश्विक बाजारों में आई सुस्ती का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है। हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ‘‘बहुत अच्छे तरीके’’ से इसे संभाल रहीं हैं।

शाह ने टाइम्स नेटवर्क द्वारा आयोजित दो दिन के भारत आर्थिक सम्मेलन के अंतिम दिन यहां इस तरह के आरोपों को खारिज किया कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को इसीलिये इस मौके पर लेकर आई है ताकि लोगों का ध्यान मंद पड़ती आर्थिक वृद्धि और दूसरे आर्थिक मुद्दों से हटाया जा सके।

उल्लेखनीय है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में घटकर 4.5 प्रतिशत रह गई। छह साल से अधिक समय में यह सबसे कम वृद्धि दर रही है। इस दौरान उपभोक्ता मांग और विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट तथा निजी क्षेत्र के निवेश में कमजोरी रही।

देश में आर्थिक सुस्ती के मुद्दे पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में शाह ने कहा, ‘‘जहां तक अर्थव्यवस्था की बात है, मैं कई बार यह कह चुका हूं कि इस समय वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी सुस्ती है और इसका भारत पर भी असर पड़ रहा है।’’ उन्होंने कहा कि सीतारमण अर्थव्यवस्था को बहुत अच्छे तरीके से देख रही हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले महीने ही जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर निकल गया। शाह ने कहा, ‘‘इस महीने की कर प्राप्ति भी बेहतर दिखाई दे रही है।’’ पिछले महीने जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक दूसरी तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विस्तार अप्रैल- जून 2019 के पांच प्रतिशत से नीचे रहा है और यह एक साल पहले की जुलाई- सितंबर अवधि के सात प्रतिशत से काफी नीचे रहा है।

भारतीय रिजर्व बैंक 2019- 20 की जीडीपी वृद्धि के अपने अनुमान को पहले ही 6.1 प्रतिशत से कम कर पांच प्रतिशत कर चुका है। केन्द्रीय बैंक ने इस दौरान मुद्रास्फीति की स्थिति को देखते हुये अपनी प्रमुख नीतिगत दर को भी अपरिवर्तित रखा है। अर्थव्यवस्था में जारी सुस्ती के बीच खुदरा मुद्रास्फीति में पिछले कुछ महीने से लगातार वृद्धि का रुख बना हुआ है।

Web Title: Amit Shah said- the global sluggishness has an impact on the Indian economy, praised the Finance Minister

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