भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह एक बार फिर पूरी तरह से सक्रिय हो गए है। बिहार बीजेपी के सांसदों से मिलने के बाद उन्होंने अलग से कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह से मुलाकात की है। इस मुलाकात के दौरान मोदी सरकार में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद थे। ऐसा कह जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा किसानों को राहत देने के लिए कोई बड़ा एलान कर सकती है। अमित शाह से मिलने के पूर्व राधामोहन सिंह की एक बैठक प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री जेटली के साथ भी हुई है।
मोदी सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल के दौरान देश के हर कोने में किसानों का आंदोलन हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ तीन राज्यों में आई कांग्रेस की सरकार ने किसानों के लोन माफ कर बीजेपी के लिए परेशानियां बढ़ा दी हैं। राहुल गांधी आये दिन प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती देते नजर आते हैं कि आपको किसानों का लोन माफ करना ही होगा। भाजपा नहीं चाहती है कि राहुल गांधी इस मुद्दे को चुनाव तक खींच कर ले जाए, क्योंकि इससे भाजपा शासित राज्यों द्वारा किए गए कर्ज माफी का क्रेडिट भी कांग्रेस बटोर के ले जाएगी।
हाल ही में कांग्रेस के तीन राज्यों में नवनिर्वाचित सरकारों ने किसानों के लगभग 60 हजार करोड़ के कृषि लोन माफ किए है। राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी पर खुल कर आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने देश के उद्योगपतियों के 3 लाख करोड़ के लोन माफ किए हैं, लेकिन किसानों के लिए सरकार के तिजोरी से अभी तक कुछ नहीं निकला है। चुनाव से ठीक पहले प्रो बिज़नेस की छवि को परास्त करने के लिए मोदी सरकार किसानों के लिए कुछ बड़ा एलान कर सकती है।
सबसे बड़ा सवाल है कि यह एलान क्या होने वाला है? क्या मोदी सरकार पूरे देश के किसानों का कर्ज माफ करने जा रही है या न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कुछ बड़ा एलान होने जा रहा है? स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को भी लागू किया जा सकता है। लेकिन इससे पहले कई मौकों पर सरकार के तरफ से यह बोला गया है कि इस आयोग की सभी सिफारिशों को लागू करना संभव नहीं है।
अब मोदी सरकार चुनावी साल में अपने पिटारे से क्या निकालने वाली है, इसका जवाब तो एलान के बाद ही मिल सकता है। लेकिन इतना तय है कि कांग्रेस और भाजपा में किसानों की हितैषी दिखने की प्रतियोगिता छिड़ने वाली है, जिसमें बिना शक फायदा किसानों का ही होने वाला है। एक बड़ा सवाल यह भी है कि क्या ये एलान लोकसभा चुनाव तक सीमित रहेंगे या देश में बड़े पैमाने पर किसानों की स्थिति को बदलने के लिए ठोस कदम उठाये जायेंगे।