बाढ़ के बीच खाना बनाने वाले बर्तन में बैठ शादी करने पहुंचे दुल्हा-दुल्हन

By भाषा | Updated: October 18, 2021 19:13 IST2021-10-18T19:13:54+5:302021-10-18T19:13:54+5:30

Amidst the flood, the bride and groom arrived to get married sitting in a cooking pot | बाढ़ के बीच खाना बनाने वाले बर्तन में बैठ शादी करने पहुंचे दुल्हा-दुल्हन

बाढ़ के बीच खाना बनाने वाले बर्तन में बैठ शादी करने पहुंचे दुल्हा-दुल्हन

अलप्पुझा (केरल), 18 अक्टूबर प्रेम सरहदों की बेड़ियां तो नहीं ही मानता है, वह प्रकृति के क्रोध के सामने भी खड़ा रहता है। कुछ ऐसा ही केरल में देखा गया जब पेशे से स्वास्थ्यकर्मी एक जोड़ा सोमवार को जलमग्न सड़कों से जूझते हुए एल्युमीनियम के एक बड़े बर्तन में बैठ शादीघर तक पहुंचने और शादी के बंधन में बंधने में सफल रहे।

केरल में भारी बारिश के बाद बाढ़ और भूस्खलन से हुई मौतों की दुखद घटनाओं के बीच एक अच्छी खबर आई है।

थलावडी में एक मंदिर के निकट जलमग्न शादीघर में दोनों की शादी हुई। शादी में बेहद गिनती के रिश्तेदार आए थे। टीवी चैनलों पर इस जोड़े - आकाश और ऐश्वर्या - के खाना पकाने के बड़े बर्तन में बैठकर शादी के लिए जाने का दृश्य छाया रहा।

आकाश ने पीटीआई-भाषा को बताया कि उनका संबंध अंतरजातीय था और ऐश्वर्या के एक रिश्तेदार ने इसका विरोध किया था, जिसके बाद उन्होंने पांच अक्टूबर को शादी पंजीकृत करा ली। इसके बाद दोनों ने बिना विलंब के हिंदू रीति-रिवाज से शादी करने का निर्णय लिया लेकिन थकाझी में उनके घर के निकट के मंदिर शादी से 15 दिन पहले की बुकिंग ही ले रहे थे।

इसके बाद उन्हें थलावडी में एक मंदिर का पता चला, जो सोमवार को समारोह करने को तैयार हो गया। उन्होंने कहा कि यहां एक छोटा सा समारोह ही होना था जिसमें करीबी दोस्त और परिवार के सदस्य आमंत्रित थे। लेकिन खाना पकाने वाले बर्तन में बैठकर शादी के लिए जाने की वजह से अब उनकी यह शादी खबरों में आ गई। उन्होंने कहा कि रविवार को मंदिर से उन्हें फोन कर सूचित किया गया था कि वह शादी रद्द करने पर विचार करें क्योंकि परिसर में पानी भर गया है। लेकिन पेशे से स्वास्थ्यकर्मी जोड़ा कोविड-19 ड्यूटी कर रहे थे और ऐसे में अब उन्हें कब छुट्टी मिल पाती यह तय नहीं था।

सोमवार को जब यह जोड़ा थलावडी पहुंचा तो मंदिर के बर्तन के साथ उन्हें लाने के लिए लोग तैयार थे। उन्होंने कहा कि कम समय में यही एक विकल्प मौजूद था। दो लोग बर्तन की स्थिरता बनाए रखने के लिए उसे पकड़े हुए थे और आकाश और ऐश्वर्या इसके भीतर बैठे और शादी स्थल के लिए रवाना हुए। इस दौरान उनके साथ कैमरामैन भी था।

आकाश ने कहा कि बर्तन में बैठकर स्थल पर पहुंचने की यात्रा अच्छी रही और कुट्टानाड क्षेत्र में यात्रा के माध्यम के रूप में इसका इस्तेमाल किया जाता है। 2018 के भीषण बाढ़ में खाना पकाने वाले बड़े बर्तन का इस्तेमाल बचाव कार्यों और फंसे लोगों को निकालने में भी करते हुए देखा गया था।

जिले में बढ़ रहे जलस्तर की रिपोर्टिंग करने वहां संवाददाता आए हुए थे। बाढ़ के बीच इस अनोखी शादी की जानकारी मिलने पर वे वहां पहुंचे तो नवविवाहित जोड़े ने संवाददाताओं को बताया कि कोविड-19 महामारी की वजह से उन्होंने कम ही रिश्तेदारों को आमंत्रित किया था।

उन्होंने बताया कि उनकी शादी सोमवार को तय थी और शुभ मुहुर्त की वजह से वे इसे टालना नहीं चाहते थे। उन्होंने बताया कि वे कुछ दिन पहले मंदिर आए थे और तब वहां बिल्कुल पानी नहीं भरा था। पिछले दो दिनों में भारी बारिश की वजह से यहां पानी भर गया। दोनों स्वास्थ्यकर्मी हैं और चेंगन्नूर के एक अस्पताल में काम करते हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Amidst the flood, the bride and groom arrived to get married sitting in a cooking pot

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