पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सह गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने राजद के द्वारा राबड़ी आवास खाली नहीं करने की चेतावनी पर कड़ा रुख अपनाते हुए दो-टूक जवाब देते हुए कहा कि सरकारी आवास जनता की संपत्ति है, किसी की निजी बपौती नहीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि लालू प्रसाद यादव के परिवार से उनका कोई व्यक्तिगत विवाद नहीं है, लेकिन कानून और कोर्ट का आदेश सर्वोपरि हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला उपलब्ध नहीं कराया जा सकता।
राबड़ी देवी को विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के रूप में जो आवास कैटिगराइज किया गया है, वह दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 28 वर्षों में उन्हें खुद छह बार सरकारी आवास बदलना पड़ा है, इसलिए आवास बदलना कोई नई बात नहीं है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल के यह कहने पर कि जो करना है करें, डेरा खाली नहीं करेंगे, सम्राट चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा कि यह अराजकता की भाषा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजद के नेता गुंडागर्दी की मानसिकता से ग्रस्त हैं और सरकारी नियमों को चुनौती नहीं दे सकते। सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार कानून व्यवस्था से चलने वाला राज्य है और विपक्ष के नेता को पहले से बड़ा आवास सम्मानपूर्वक दिया जा रहा है।
बता दें कि हाल ही में भवन निर्माण विभाग ने पटना के 39 हार्डिंग रोड स्थित आवास को विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के लिए चिन्हित किया है। इसके बाद लालू-राबड़ी परिवार को 10 सर्कुलर रोड स्थित आवास खाली करने का निर्देश मिला है, जहां वे लगभग 20 वर्षों से रह रहे हैं, नई सरकार के गठन के बाद लिए गए इस निर्णय पर राजद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बीजेपी के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है। राजद अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने संकेत दिया है कि वे इस फैसले के खिलाफ अदालत भी जा सकते हैं और साफ कहा है कि जो करना है करे सरकार, हम डेरा खाली नहीं करेंगे।