मुंबई: महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा। मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि यहां बैठक में 44 विधायकों में से 41 विधायक शामिल हुए, जबकि 3 रास्ते में हैं। भाजपा ने जो राजनीति शुरू की है वह पैसे और बाहुबल की है जो संविधान के खिलाफ है। मैंने यह बहुत देखा है। मुझे पूरा भरोसा है कि उद्धव ठाकरे जी के नेतृत्व में शिवसेना में फिर से एकता बनेगी।
इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं, जिसकी वजह से वह उनसे मुलाकात नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा कमलनाथ ने बताया कि वो शरद पवार से मिलने वाले हैं। बता दें कि कांग्रेस ने मंगलवार को कमलनाथ को महाराष्ट्र सरकार को बचाने की जिम्मेदारी सौंपी है। इसी क्रम में महाराष्ट्र में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम के मद्देनजर कांग्रेस ने कमलनाथ को राज्य में पार्टी का पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।
कांग्रेस नेता कमलनाथ ने मुंबई में ये भी कहा कि उन्हें (उद्धव ठाकरे) विश्वास है कि शिवसेना के विधायक उनका साथ देंगे। जो बहुत से लोग चले भी गए हैं, वे गलतफहमी में गए हैं, उनका ये विश्वास है। उन्होंने कहा है कि विधानसभा बर्खास्त करने का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है। यही नहीं, उन्होंने ये भी कहा कि जो भी आज विरोध कर रहे हैं उनको मैं यही कहना चाहता हूं कि कल के बाद परसो भी आता है।
महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल जारी है। शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे की कथित नाराजगी को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल पैदा हो गई है। मालूम हो, एकनाथ शिंदे ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र के 40 विधायक उनके साथ असम के गुवाहाटी आए हैं और वे सभी पार्टी के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की 'हिंदुत्व' विचारधारा के लिए प्रतिबद्ध हैं। शिंदे ने यहां पहुंचने के बाद हवाई अड्डे के बाहर इंतजार कर रहे पत्रकारों से बात करने से इनकार कर दिया था। हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि 40 विधायक उनके साथ आए हैं लेकिन वह किसी पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं।
शिवसेना के विधायकों ने पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी है, जिसके कारण महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार संकट में आ गई है। एकनाथ शिंदे ने संवाददाताओं से कहा, "हम बालासाहेब ठाकरे की हिंदुत्व की विचारधारा को लेकर प्रतिबद्ध हैं और हम इसे आगे ले जाना चाहते हैं।" यह पूछे जाने पर कि वे गुवाहाटी क्यों आए हैं, उन्होंने कहा, "यह एक अच्छी जगह है।" असम में वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार है।
लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भाजपा के सांसद पल्लब लोचन दास और विधायक सुशांत बोरगोहेन ने इन बागी विधायकों का स्वागत किया। शिंदे के नेतृत्व में बुधवार को सुबह गुवाहाटी पहुंचे महाराष्ट्र के बागी विधायकों के एक समूह को कड़ी सुरक्षा के बीच शहर के बाहरी इलाके में एक लग्जरी होटल में ले जाया गया है। इस घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर बोरगोहेन ने कहा, "हमारे परिचित लोग यहां आए हैं और इसलिए हम उनका स्वागत करने आए हैं।"
गौरतलब है कि 288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के 55, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 53 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं। सरकार बनाने के लिए 144 विधायकों का समर्थन जरूरी है। शिवसेना के सांसद संजय राउत ने पहले दावा किया था कि कुछ मंत्रियों समेत 14 से 15 विधायक शिंदे के साथ गुजरात के सूरत शहर में हैं। वहीं पार्टी के एक अन्य नेता ने दावा किया कि यह संख्या 23 हो सकती है। विधायकों की बगावत से महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार संकट में आ गई है।