डॉ. बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर जयंती २०२०: संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर ने कानून मंत्री के पद से इस वजह से दे दिया था इस्तीफा

By अनुराग आनंद | Published: April 11, 2020 06:14 AM2020-04-11T06:14:46+5:302020-04-11T09:26:06+5:30

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का प्राथमिक शिक्षा दापोली और सतारा में हुआ। बंबई के एलफिन्स्टोन स्कूल से वह 1907 में मैट्रिक की परीक्षा पास की।

Ambedkar Jayanti 2020: Constituator Bhimrao Ambedkar resigned from the post of Law Minister for these reasons. | डॉ. बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर जयंती २०२०: संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर ने कानून मंत्री के पद से इस वजह से दे दिया था इस्तीफा

डॉक्टर बी.आर. अंबेडकर

Highlightsबड़ौदा नरेश सयाजी राव गायकवाड़ की फेलोशिप पाकर भीमराव ने 1912 में मुंबई विश्वविद्यालय से स्नातक परीक्षा पास की।उसके बाद 1916 में कोलंबिया विश्वविद्यालय अमेरिका से ही उन्होंने पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की।

नई दिल्ली:  डॉ. बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर का जन्म 1891 में 14 अप्रैल को हुआ था। उनके बचपन का मूल नाम भीमराव था। उनके पिता श्री रामजी वल्द मालोजी सकपाल अंग्रेजी सरकार में मेजर सूबेदार के पद पर एक सैनिक अधिकारी थे। कबीर पंथी पिता और धर्मर्मपरायण माता के हाथों लालन-पालन होने की वजह से इनका बचपन बेहद अनुशासित था।

जानें कहां से की शिक्षा प्राप्त-
भीमराव की प्राथमिक शिक्षा दापोली और सतारा में हुई। बंबई के एलफिन्स्टोन स्कूल से उन्होंने 1907 में मैट्रिक की परीक्षा पास की। इस मौके पर एक अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया और उसमें भेंट स्वरुप उनके शिक्षक श्री कृष्णाजी अर्जुन केलुस्कर ने स्वलिखित पुस्तक 'बुद्ध चरित्र' उन्हें दी। बड़ौदा नरेश सयाजी राव गायकवाड़ की फेलोशिप पाकर भीमराव ने 1912 में मुंबई विश्वविद्यालय से स्नातक परीक्षा पास की। वह यहां से फारसी लेकर उत्तीर्ण हुए।
 
बी.ए. के बाद एम.ए. के अध्ययन हेतु बड़ौदा नरेश सयाजी गायकवाड़ की पुनः फेलोशिप पाकर वह अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय में दाखिल हुए। सन 1915 में उन्होंने स्नातकोत्तर उपाधि की परीक्षा पास की। इस हेतु उन्होंने अपना शोध 'प्राचीन भारत का वाणिज्य' लिखा था। उसके बाद 1916 में कोलंबिया विश्वविद्यालय अमेरिका से ही उन्होंने पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की, उनके पीएच.डी. शोध का विषय था 'ब्रिटिश भारत में प्रांतीय वित्त का विकेन्द्रीकरण'।

समाज के मूक लोगों के हित को ध्यान में रखकर निकाला पत्रिका-
उन्‍होंने मूक और अशिक्षित और निर्धन लोगों को जागरुक बनाने के लिये मूकनायक और बहिष्कृत भारत साप्ताहिक पत्रिकायें संपादित कीं और अपनी अधूरी पढ़ाई पूरी करने के लिये वह लंदन और जर्मनी जाकर वहां से एम. एस. सी., डी. एस सी., और बैरिस्टर की उपाधियां प्राप्त की। उनके डी.एससी उपाधि का विषय- रूपये की समस्या उसका उद्भव, उपाय और भारतीय चलन व  बैकिंग का इतिहास था।
 
बाबासाहेब को कोलंबिया विश्वविद्यालय व उस्मानिया विश्वविद्यालय ने सम्मानित किया-
बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर को कोलंबिया विश्वविद्यालय ने एल.एलडी और उस्मानिया विश्वविद्यालय ने डी. लिट्. की मानद उपाधियों से सम्मानित किया था। इस प्रकार डॉ. अम्बेडकर वैश्विक युवाओं के लिये प्रेरणा बन गये क्योंकि उनके नाम के साथ बीए, एमए, एमएससी, पीएचडी, बैरिस्टर, डीएससी, डी.लिट्. आदि कुल 26 उपाधियां जुड़ी हैं।

भारतीय संविधान निर्माण में अहम भूमिका- 
बाबासाहेब ने समता, समानता, बन्धुता एवं मानवता आधारित भारतीय संविधान को 02 वर्ष 11 महीने और 17 दिन के कठिन परिश्रम से तैयार किया। इसके बाद 26 नवंबर 1949 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को संविधान सौंप कर देश के समस्त नागरिकों को राष्ट्रीय एकता, अखंडता और व्यक्ति के जीवन की गरिमा जैसे अधिकारों  को देकर अभिभूत किया। 

इस वजह से दिया कानून मंत्री पद से इस्तीफा-
वर्ष 1951 में महिला सशक्तिकरण के लिए उन्होंने हिन्दू कोड बिल विधेयक पारित करवाने का प्रयास किया और पारित न होने पर स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दिया। 

वर्ष 1955 में अपना ग्रंथ भाषाई राज्यों पर विचार प्रकाशित कर आन्ध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र को छोटे-छोटे और प्रबंधन योग्य राज्यों में पुनर्गठित करने का प्रस्ताव दिया था, जो उसके 45 वर्षों बाद कुछ प्रदशों में साकार हुआ। 

निर्वाचन आयोग, योजना आयोग, वित्त आयोग, महिला पुरुष के लिये समान नागरिक हिन्दू संहिता, राज्य पुनर्गठन, बड़े आकार के राज्यों को छोटे आकार में संगठित करना, राज्य के नीति निर्देशक तत्व, मौलिक अधिकार, मानवाधिकार, काम्पट्रोलर व ऑडीटर जनरल, निर्वाचन आयुक्त तथा राजनीतिक ढांचे को मजबूत बनाने वाली सशक्त, सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक एवं विदेश नीति बनाई।
 

English summary :
Dr. Babasaheb Bhimrao Ambedkar was born on 18 April in 1891. The original name of his childhood was Bhimrao. His father Shri Ramji Vald Maloji Sakpal was a military officer in the rank of Major Subedar in the British Government.


Web Title: Ambedkar Jayanti 2020: Constituator Bhimrao Ambedkar resigned from the post of Law Minister for these reasons.

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