सीमा सड़क संगठन का कमाल, अमरनाथ यात्रा के 45KM लंबे पांच फुट चौड़े मार्ग को 12 फुट का बनाया
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: June 29, 2025 10:46 IST2025-06-29T10:45:58+5:302025-06-29T10:46:05+5:30
Amarnath Yatra 2025:हालांकि इस वाहन चलने वाले मार्ग को लेकर फिलहाल विवाद भी पैदा हुआहै लेकिन उप राज्यपाल मनोज सिन्हा कहते थे कि आपात स्थिति में ही इस मार्ग पर वाहन चलाए जाएंगें।

सीमा सड़क संगठन का कमाल, अमरनाथ यात्रा के 45KM लंबे पांच फुट चौड़े मार्ग को 12 फुट का बनाया
Amarnath Yatra 2025: इस बार की वार्षिक अमरनाथ यात्रा की सकुशलता के लिए चाहे सुरक्षाबलों की भूमिका अहम मानी जा रही है पर यात्रा को सुखदायक बनाने में सीमा सड़क संगठन अर्थात बीआरओ की भूमिका को कम करके नहीं आंका जा सकता जिसने न सिर्फ 45 किमी लंबे यात्रा मार्ग की चौड़ाई को 5 फुट से 12 फुट तक कर दिया बल्कि गुफा के द्वार तक वाहनों के आने जाने का रास्ता भी तैयार कर दिया।
बीआरओ ने अपने प्रोजेक्ट बीकन के तहत इन दुर्गम स्थलों पर नाममुकिन कार्य को पूरा कर अपने उस कथन को सच जरूर साबित किया है जिसमें वे कहते हैं कि बीआरओ आसमान तक सड़क तैयार कर सकता है। याद रहे बीआरओ का बीकन प्रोजेक्ट लद्दाख सेक्टर में सीमा सीमा तक सड़के बनाने मंे भी कामयाब रहा है।
बीआरओ के अधिकारियों ने अमरनाथ यात्रा मार्ग पर मुश्किलों और दुविधाओं की दास्तानें सुनाते हुए इसके प्रति जरूर बताया है कि कैसे कठिन परिस्थितियों में उसने 17 सौ के लगभग स्थानीय श्रमिकों की मदद से बालटाल और पहलगाम के 45 किमी के अमरनाथ यात्रा मार्ग पर रेलिंग लगाने, पुल और पुलियों के निर्माण, सुरक्षा दीवारें बनने और टाइलें बिछाने के कार्य को अंजाम दिया।
सिर्फ यही नहीं अप्रैल के प्रथम सप्ताह में इस यात्रा को संपन्न करवाने का जिम्मा जब उसे सौंपा गया तो उन्होंने करीब 47 किमी के क्षेत्र से बर्फ को भी हटाया और पहली बार बालटाल के रास्ते अमरनाथ गुफा तक वाहनों के चलने लायक मार्ग भी तैयार कर दिया। हालांकि इस वाहन चलने वाले मार्ग को लेकर फिलहाल विवाद भी पैदा हुआहै लेकिन उप राज्यपाल मनोज सिन्हा कहते थे कि आपात स्थिति में ही इस मार्ग पर वाहन चलाए जाएंगें।
दरअसल अमरनाथ गुफा तक वाहन ले जाने का विवाद पिछले साल तब खड़ा हुआ था जब पहली बार बीआरओ के वाहन गुफा तक पहुंचे थे और इस बार प्रथम पूजा के दौरान भी कई प्रायवेट वाहनों के गुफा तक पहुंचने के फोटो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद काफी हो हल्ला मचा तो उप राज्यपाल को इसके बचाव में आना पड़ा था जो अमरनाथ यात्रा की जिम्मेदारी लेने वाले अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड के चेयरमेन के पद पर विराजमान हैं।