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अलवर मॉब लिंचिंग केस: रकबर खान की हत्या के पांच आरोपियों में से 4 को सजा, विश्व हिंदू परिषद के नेता बरी

By अंजली चौहान | Updated: May 25, 2023 14:48 IST

अलवर में साल 2018 में हुए मॉब लिंचिंग मामले में राजस्थान की एक अदालत ने फैसला सुनाते हुए चार आरोपियों को दोषी करार दिया है।

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ठळक मुद्देअलवर मॉब लिंचिंग मामले में राजस्थान की एक कोर्ट ने फैसला सुनाया हैरकबर खान की हत्या मामले में चार दोषियों को सजा विश्व हिंदू परिषद के नेता को किया गया बरी

अलवर: राजस्थान के अलवर में मॉब लिंचिंग मामले के आरोपियों को लेकर अदालत ने आज फैसला सुनाया है। रकबर खान की हत्या मामले में कोर्ट ने चार आरोपियों को दोषी पाया और उन्हें सात साल कैद की सजा सुनाई है।

वहीं, एक अन्य आरोपी जो कि विश्व हिंदू परिषद के सदस्य नवल किशोर शर्मा को बरी कर दिया है। 

अदालत ने इन चारों आरोपियों जिनमें धर्मेंद्र, विजय, नरेश, परमजीत शामिल है। इन आरोपियों को धारा 304 और 341 के तहत सात-सात साल जेल की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही दोषियों को 10-10 हजार की जुर्माना राशि देने का आदेश दिया गया है। 

जानकारी के अनुसार, इस मामले में पुलिस ने पहले अपनी चार्जशीट में चार आरोपियों नरेश शर्मा, विजय कुमार, धर्मेंद्र यादव और परमजीत सिंह को नामजद किया था।

नवल किशोर शर्मा को बाद में गिरफ्तार किया गया था और 20 जुलाई, 2018 को भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया गया था। हालांकि, अदालत ने नवल किशोर शर्मा को बरी कर दिया। 

क्या है पूरा मामला?

मामला 2018 का है, जब राजस्थान के अलवर जिले में रकबर खान की हत्या कर दी गई थी। ये हत्या गौ तस्करी के संदेह में की गई थी। रकबर खान को पीट-पीट कर बेरहमी से मार डाला था।

रकबर, अपने दोस्त असलम के साथ, अलवर जिले के रामगढ़ से यात्रा कर रहा था, जब भीड़ ने उसे पीट-पीट कर मार डाला। रकबर खान हरियाणा का रहने वाला था और 21 जुलाई 2018 को उनकी हत्या कर दी गई थी। 

29 साल के रकबर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रूर हमले के बाद कई चोटों के कारण उसकी मौत हो गई। रकबर के शरीर पर चोट के 12 निशान थे और अत्यधिक आंतरिक रक्तस्राव से उसकी मौत हो गई। इस घटना ने पूरे राजनीतिक स्पेक्ट्रम में एक बहस छेड़ दी थी।

बता दें कि पुलिस ने इन चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया था लेकिन फिलहाल ये हाईकोर्ट से जमानत पर बाहर हैं। रकबर खान की हत्या के मामले में उनके परिजनों ने जिला जज अदालत में केस ट्रांसफर करने की याचिका भी दायर की थी। 

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