नाबालिग लड़के के साथ मुख मैथुन का अपराध पॉक्सो कानून की धारा-4 के तहत दंडनीय अपराध,  इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला

By भाषा | Published: November 23, 2021 10:03 PM2021-11-23T22:03:49+5:302021-11-23T22:05:47+5:30

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अनिल कुमार ओझा ने यह टिप्पणी करते हुए कहा, “पॉक्सो कानून के प्रावधानों पर गौर करने से यह स्पष्ट है कि अपीलकर्ता द्वारा किया गया अपराध न तो पॉक्सो कानून की धारा 5/6 के तहत आता है और न ही यह धारा 9 (एम) के तहत आता है।”

Allahabad High Court's decision offense oral minor boy punishable under Section-4 POCSO Act | नाबालिग लड़के के साथ मुख मैथुन का अपराध पॉक्सो कानून की धारा-4 के तहत दंडनीय अपराध,  इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला

धारा 377 और 506 एवं पॉक्सो कानून की धारा 3/ 4 के तहत मामला दर्ज किया गया।

Highlightsअपीलकर्ता को धारा-4 के तहत दंड दिया जाना चाहिए।2016 को झांसी के चिरगांव में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। सोनू ने बच्चे को 20 रुपये दिए और उससे मुख मैथुन करने को कहा।

प्रयागराजः इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक निर्णय में कहा है कि किसी नाबालिग लड़के के साथ मुख मैथुन का अपराध पॉक्सो कानून की धारा-4 के तहत दंडनीय अपराध है।

न्यायमूर्ति अनिल कुमार ओझा ने यह टिप्पणी करते हुए कहा, “पॉक्सो कानून के प्रावधानों पर गौर करने से यह स्पष्ट है कि अपीलकर्ता द्वारा किया गया अपराध न तो पॉक्सो कानून की धारा 5/6 के तहत आता है और न ही यह धारा 9 (एम) के तहत आता है।” अदालत ने कहा कि नाबालिग के साथ मुख मैथुन पॉक्सो कानून की धारा-4 के तहत दंडनीय अपराध है।

इसने कहा, ‘‘पॉक्सो कानून के प्रावधानों को देखने के बाद मेरा विचार है कि अपीलकर्ता को धारा-4 के तहत दंड दिया जाना चाहिए।” यह आदेश झांसी जिले के सोनू कुशवाहा द्वारा दायर अपील पर 18 नवंबर को पारित किया गया। इस मामले के तथ्यों के मुताबिक, शिकायतकर्ता श्रीदेव सिंह ने अपीलकर्ता सोनू कुशवाहा के खिलाफ 26 मार्च, 2016 को झांसी के चिरगांव में प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि 22 मार्च, 2016 को शाम पांच बजे सोनू उसके घर आया और उसके 10 वर्षीय बेटे को हरदौल में एक मंदिर में ले गया।

प्राथमिकी के मुताबिक, वहां सोनू ने बच्चे को 20 रुपये दिए और उससे मुख मैथुन करने को कहा। इसके बाद, बच्चा 20 रुपये लेकर जब अपने घर आया, तो उसके चचेरे भाई संतोष ने उससे पूछा कि उसे 20 रुपये कहां से मिले। इस पर लड़के ने सारी बात बताई। दर्ज मामले के अनुसार, अपीलकर्ता सोनू ने लड़के को इस घटना के बारे में किसी को नहीं बताने की धमकी भी दी थी।

शिकायतकर्ता की लिखित शिकायत पर सोनू के खिलाफ भादंसं की धारा 377 और 506 एवं पॉक्सो कानून की धारा 3/ 4 के तहत मामला दर्ज किया गया। झांसी के अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश, पॉक्सो कानून के निर्णय के खिलाफ सोनू की अपील आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए उच्च न्यायालय ने पॉक्सो कानून की धारा-4 के तहत सोनू के कारावास की सजा 10 वर्ष से घटाकर सात वर्ष कर दी। 

Web Title: Allahabad High Court's decision offense oral minor boy punishable under Section-4 POCSO Act

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