"जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के सभी फैसले राजनीतिक मकसद के लिए थे, उन्हें रद्द किया जाए", तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने इस्तीफे के बाद उनके भाजपा में जाने की अटकलों पर कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 5, 2024 10:53 AM2024-03-05T10:53:13+5:302024-03-05T10:58:29+5:30
तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने कलकत्ता हाईकोर्ट के समक्ष गुहार लगाई है कि न्यायिक सेवा से इस्तीफा देकर राजनीति में जा रहे जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के दिये गये सभी आदेशों को रद्द कर देना चाहिए क्योंकि वो फैसले "राजनीति" से प्रेरित थे।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सांसद कल्याण बनर्जी ने बीते सोमवार को कथित स्कूल भर्ती घोटाले से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रही कलकत्ता हाईकोर्ट की बेंच के समक्ष गुहार लगाई है कि स्कूल सेवा आयोग के मामलों में जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय द्वारा दिये गये सभी आदेश "राजनीति" से प्रेरित थे। इसलिए उस सभी आदेशों को रद्द किया जाना चाहिए।
समाचार वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार सांसद बनर्जी ने, जो हाईकोर्ट की बेंच के सामने स्कूल केस में बहस कर रहे थे। उन्होंने बताया कि न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय न्यायिक सेवा में रहते हुए भी एक "राजनीतिक व्यक्ति" थे। इस कारण के उनके लिखे सारे आदेश "राजनीतिक मकसद" से प्रेरित थे।
कल्याण बनर्जी ने हाईकोर्ट में जस्टिस देबांगसु बसाक और जस्टिस मोहम्मद शब्बर रशीदी की बेंच से कहा कि वह इस संबंध में एक औपचारिक आवेदन के लिए जोर देना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, "न्यायाधीश गंगोपाध्याय द्वारा पारित सभी आदेशों को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए। शिक्षक केस में बतौर सिंगल जज होते हुए उन्होंने जो भी आदेश पारित किया है, वो राजनीतिक मकसद के लिए थे। उन्होंने अपने आदेशों का उपयोग अपने भविष्य के राजनीतिक करियर को बनाने के लिए किया है।“
इसके साथ ही बनर्जी ने हाईकोर्ट में पीठ के समक्ष इस बात का मजबूती से दावा किया कि जस्टिस गंगोपाध्याय के आदेश कहीं से न्यायिक नहीं थे बल्कि उनके सारे आदेश राजनीतिक थे।
मालूम हो कि न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने बीते रविवार को कहा था कि वह राजनीति में शामिल होकर बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए मंगलवार को न्यायपालिका छोड़ देंगे। न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने इस बात पर जोर दिया था कि उन्होंने बीते एक सप्ताह के भीतर कोई "निर्णय" नहीं दिया है और अदालत में अपने आखिरी दिन सोमवार को भी कोई न्यायिक आदेश पारित नहीं करेंगे।
जहां तक राजनीति में जाने का सवाल है तो उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि वह किस पार्टी में शामिल होंगे या क्या वह लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, लेकिन बंगाल बीजेपी के वरिष्ठों नेताओं का दावा है कि वो भाजपा में आएंगे और हो सकता है कि तमलुक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद का चुनाव भी लड़ें।
वहीं कल्याण बनर्जी के हाईकोर्ट में दिये आवेदन ने अदालती गलियारों में चल रही उस बहस को सामने ला दिया है कि एक न्यायाधीश को इस्तीफा देने के बाद तुरंत राजनीति में शामिल होना चाहिए या फिर उसके लिए कुछ समय तक इंतजार करना चाहिए।