कोविड के बढ़ते मामलों पर नियंत्रण पाने के लिए केंद्र ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से कोविड जांच में तेजी लाने के लिए कहा है। इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने शुक्रवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा।
इस पत्र में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से कहा गया है कि कोविड-19 की जांच के लिए आरटी-पीसीआर परिणामों में समय लग सकता है। ऐसे मामलों में, सरकारों को तेजी से एंटीजन परीक्षण बढ़ाना चाहिए और लोगों को स्व-परीक्षण किट का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए जिन्हें सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है।
केंद्र ने कहा है कि खांसी, सिरदर्द, गले में खराश, सांस फूलना, बदन दर्द, हाल ही में स्वाद या गंध की कमी, थकान और दस्त के साथ बुखार से पीड़ित किसी भी व्यक्ति को कोविड -19 के संदिग्ध मामले के रूप में माना जाना चाहिए, जब तक कि पुष्टि न हो और ऐसे सभी व्यक्तियों का कोविड टेस्ट किया जाना चाहिए।
पत्र में कहा गया है कि "देश के विभिन्न हिस्सों में कोविड -19 के मामलों में वृद्धि दर्ज की जा रही है। संदिग्ध रोगियों और उनके संपर्कों का प्रारंभिक परीक्षण और उन्हें तेजी से अलग करना कोरोना संक्रमण को रोकने के प्रमुख उपायों में से एक है।
पत्र के माध्यम ने केंद्र को कहा "पिछले अनुभव के आधार पर, यह देखा गया है कि यदि मामलों की संख्या एक निश्चित सीमा से अधिक होती है, तो RT-PCR आधारित परीक्षण से कोरोना का पता देरी से लगता है, इस प्रक्रिया में लगभग 5-8 घंटे का समय लगता है।"
उपरोक्त दिए गए इन 8 लक्षणों को सूचीबद्ध करते हुए केन्द्र ने कहा इन सभी मामलों में कोविड टेस्ट की आवश्यकता है और जबतक इनके परिणाम नहीं आते, तब तक उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय के होम आइसोलेशन दिशानिर्देशों को अलग करने और उनका पालन करने की सलाह दी जानी चाहिए।
26 दिसंबर से, भारत में दैनिक कोविड मामलों में अचानक वृद्धि देखी जा रही है। माना जा रहा है कि कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमीक्रोन ने डेल्टा की जगह ले ली है। अब रिपोर्ट किए गए अधिकतम मामले ओमीक्रोन वैरिएंट के सामने आ रहे हैं।