कानपुर शेल्टर होम मामले पर भड़काऊ पोस्ट के लिए प्रियंका गांधी को मिला नोटिस, अलका लाम्बा ने कहा- 'चुल्लू भर पानी में डूब मरो'
By पल्लवी कुमारी | Published: June 26, 2020 09:24 AM2020-06-26T09:24:57+5:302020-06-26T09:24:57+5:30
कानपुर शेल्टर होम मामला: कानपुर के सरकारी शेल्टर होम में रहने वाली 57 नाबालिग लड़कियां कोरोना संक्रमित पाई गईं थी, जिसमें से 5 गर्भवती हैं और एक को एड्स है। मामले पर NHRC ने यूपी सरकार को नोटिस भेजा है।
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (Child rights panel) ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को कानपुर शेल्टर होम से जुड़े मामले पर 'भ्रामक' टिप्पणी करने के आरोप में गुरुवार (25 जून) को एक नोटिस भेजा है। यूपी बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने नोटिस भेजकर प्रियंका गांधी से तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है। प्रियंका गांधी को नोटिस दिए जाने से कांग्रेस नेता अलका लाम्बा ने भड़क गई हैं। आम आदमी पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाली नेता अलका लाम्बा ने ट्वीट कर कहा, ''थोड़ी शर्म बची हो तो नोटिस जारी करने वालों को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए। जब बच्चियों के साथ सरकारी शेल्टर होम में बलात्कार होते रहे तब कौन से बिल में छुप कर बैठे थे यह नोटिस देने वाले?''
थोड़ी शर्म बची हो तो नोटिस जारी करने वालों को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए 😡..
— Alka Lamba 🇮🇳🙏 (@LambaAlka) June 25, 2020
जब बच्चियों के साथ सरकारी शेल्टर होम में बलात्कार होते रहे तब कौन से बिल में छुप कर बैठे थे यह नोटिस देने वाले? https://t.co/4hee6D5nLg
जानिए प्रियंका गांधी को भेजे गए नोटिस में यूपी बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने क्या लिखा है?
यूपी बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष विशेष गुप्ता ने प्रियंका गांधी को भेजे नोटिस में कहा कि आयोग ने तीन दिन के अंदर जवाब देने की अपेक्षा की है। नोटिस में कहा गया है कि अगर वह अपनी पोस्ट का खंडन नहीं करती हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रियंका गांधी ने कानपुर स्थित बालिका संरक्षण गृह में पिछले दिनों 57 लड़कियों के कोविड-19 संक्रमित पाए जाने और उनमें से सात के गर्भवती होने की घटना की तुलना बिहार के मुजफ्फरपुर की एक घटना से करते हुए दावा किया था कि ऐसी ही एक वारदात देवरिया जिले में भी हो चुकी है।
आयोग ने प्रियंका की इस पोस्ट का स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे भ्रामक और तथ्यहीन बताया था और इसे बालिकाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला करार दिया था। नोटिस में कहा गया है कि प्रियंका की इस भ्रामक पोस्ट की वजह से शेल्टर होम की लड़कियों को मानसिक पीड़ा हुई है।
प्रियंका गांधी ने कानपुर शेल्टर होम वाले मामले पर क्या किया था पोस्ट
21 जून को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कानपुर के शेल्टर होम केस के बारे में एक मीडिया खबर को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने फेसबुक पर पोस्ट किया, ''कानपुर के सरकारी शेल्टर होम में 57 बच्चियों की कोरोना वायरस के लिए जांच होने के बाद एक हैरान करने वाला तथ्य सामने आया है कि दो लड़कियां गर्भवती निकलीं और एक एड्स पॉजिटिव निकली। मुजफ्फरपुर (बिहार) के बालिका गृह का पूरा किस्सा देश के सामने है। उत्तर प्रदेश के देवरिया से भी ऐसा मामला सामने आ चुका है। ऐसे में फिर से इस तरह की घटना सामने आना दिखाता है कि जांच के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है, लेकिन सरकारी बाल संरक्षण गृहों में बहुत ही अमानवीय घटनाएं घट रही हैं।''
जानें कानपुर शेल्टर होम का पूरा मामला?
कानपुर जिले में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित बालिका संरक्षण गृह (शेल्टर होम) में रहने वाली 57 नाबालिग लड़कियां कोविड-19 से संक्रमित पाई गई थी। कानुपर जिला प्रशासन ने रविवार (21 जून) को सफाई दी थी कि शेल्टर होम में लाए जाने के समय ही लड़कियां गर्भवती थीं। जिलाधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने रविवार को बताया था कि गर्भवती पाई गईं पांच लड़कियां कोविड-19 से संक्रमित भी पाई गई हैं। इन लड़कियों को आगरा, एटा, कन्नौज, फिरोजाबाद और कानपुर की बाल कल्याण समितियों द्वारा कानपुर रेफर किया गया था। उन्होंने बताया कि गर्भवती दो अन्य लड़कियां कोविड-19 से संक्रमित नहीं पाई गई हैं। ये सभी लड़कियां जब कानपुर के बालिका संरक्षण गृह में लाई गई थीं उस समय भी गर्भवती थीं।
इस मामले में स्वत संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया है।