लखनऊ, 11 जून: पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सरकारी आवास का विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। बीते शनिवार से उजड़े हुए बंगले की तस्वीरें और वीडियो बरबस सबका ध्यान अपनी ओर खींच ले रहा है और सोशल मीडिया में बहस का मुद्दा बना हुआ है। शनिवार को अखलेश यादव ने 4 विक्रमादित्य मार्ग स्थित बंगले की चाभियां राज्य सम्पत्ति विभाग के कर्मचारियों को सौप दी थीं। उनके जाने के बाद जब जांच पड़ताल के लिए टीम बंगले पर पहुंची तो उसकी अवस्था देख कर सभी अधिकारी अवाक रह गए। बंगले की ताज़ा तस्वीरें तुरंत सोशल मीडिया पर वायरल हो गयी और लोगो ने अखिलेश यादव की आलोचना करना शुरू कर दिया। अखिलेश यादव ने अपने ऊपर हुए इस हमले का जवाब देना शुरू कर दिया है, उन्होंने सरकारी अधिकारियों से उनकी छवि धुमिल करने का आरोप लगाते हुए बंगले में हुए तोड़फोड़ के लिस्ट की मांग कर दी है।
रविवार को सपा के एक वरिष्ठ नेता और एमएलसी सुनील यादव ने इस विवाद का जिम्मेदार सीएम योगी आदित्यनाथ को करार देते हुए कहा कि योगी के निर्देश पर बंगले में तोड़फोड़ करवायी गयी है और आरोप सपा नेता अखिलेश यादव पर मढ़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि आदित्यनाथ योगी जनता में अखिलेश यादव जी की इमेज ख़राब करना चाहते हैं इसके चलते ये तोड़फोड़ किया गया।
पलटवार करते हुए बीजेपी रस्कार के नेता और परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बंगले में हुई तोड़फोड़ को सुप्रीम कोर्ट की आज्ञा की अवहेलना करार दिया है। उनके अनुसार सरकरी आवास के किसी भी सामान को तोड़ा या उखाड़ा नहीं जा सकता क्यूंकि यह सरकारी सम्पत्ति है। अखिलेश यादव ने ऐसा कर के कोर्ट की आज्ञा का उल्लंघन किया है और इसकी सरकारी जांच होनी चाहिए।