सेंगोल को लेकर बोले अखिलेश यादव- लगता है भाजपा ने मान लिया है कि अब सत्ता सौंपने का समय आ गया है
By मनाली रस्तोगी | Published: May 26, 2023 01:20 PM2023-05-26T13:20:24+5:302023-05-26T13:26:56+5:30
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सेंगोल को लेकर शुक्रवार को अलग बयान दिया है।

सेंगोल को लेकर बोले अखिलेश यादव- लगता है भाजपा ने मान लिया है कि अब सत्ता सौंपने का समय आ गया है
लखनऊ: पिछले कुछ दिनों से 'राजदंड' (सेंगोल) चर्चा का विषय बना हुआ है। पक्ष-विपक्ष दोनों एक-दूसरे पर इसे लेकर हमलावर हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सेंगोल को लेकर शुक्रवार को अलग बयान दिया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण (एक-हाथ से दूसरे हाथ में जाने) का प्रतीक है...लगता है भाजपा ने मान लिया है कि अब सत्ता सौंपने का समय आ गया है।"
अपने इस ट्वीट के जरिए अखिलेश यादव ने सेंगोल को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा है। उन्होंने यह दावा किया है कि 2024 लोकसभा चुनाव में सत्ता परिवर्तन हो जाएगा। बता दें कि हाल ही में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने सेंगोल (राजदंड) के बारे में बात की थी।
सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण (एक-हाथ से दूसरे हाथ में जाने) का प्रतीक है… लगता है भाजपा ने मान लिया है कि अब सत्ता सौंपने का समय आ गया है। pic.twitter.com/wLPeIYvljC
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 26, 2023
शाह ने कहा था, "इस सेंगोल का बहुत बड़ा महत्व है...14 अगस्त 1947 की रात लगभग 10।45 बजे पंडित नेहरू ने तमिलनाडु से इस सेंगोल को प्राप्त किया और कई वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में उन्होंने इसे स्वतंत्रता प्राप्त करने के प्रतीक के रूप में स्वीकार किया।।।यह एक बदलाव का संकेत है अंग्रेजों से इस देश के लोगों को सत्ता का।" केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा था कि भारतीय, विशेषकर तमिल संस्कृति में सेंगोल का बहुत महत्व है।
नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर विवाद जारी है। कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (यूबीटी), आम आदमी पार्टी (आप) सहित कई विपक्षी दलों ने 28 मई को होने वाले उद्घाटन समारोह के बहिष्कार करने की घोषणा की है। विपक्षी दलों ने इस बात पर जोर दिया कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए, प्रधानमंत्री द्वारा नहीं।