अखिलेश यादव को लग सकता है झटका, सपा के दो विधायक जल्द थाम सकते हैं भाजपा का दामन

By राजेंद्र कुमार | Published: August 4, 2023 06:27 PM2023-08-04T18:27:29+5:302023-08-04T18:27:56+5:30

खबर है कि कुल 14 सपा नेताओं को भाजपा के खेमे में शामिल करने के तैयारी है। सबसे पहले सपा के जिन दो बड़े नेताओं को भाजपा में शामिल कराया जाएगा, वह सूबे की धार्मिक नगरी प्रयागराज के समीप के जिले से संबन्धित हैं।

Akhilesh Yadav may get a blow, these two MLAs of SP can join BJP | अखिलेश यादव को लग सकता है झटका, सपा के दो विधायक जल्द थाम सकते हैं भाजपा का दामन

अखिलेश यादव को लग सकता है झटका, सपा के दो विधायक जल्द थाम सकते हैं भाजपा का दामन

Highlightsकुल 14 सपा नेताओं को भाजपा के खेमे में शामिल करने के तैयारी हैसबसे पहले सपा के जिन दो बड़े नेताओं को भाजपा में शामिल कराया जाएगाइनमें पहला नाम इंद्रजीत सरोज का है, जबकि दूसरी नेता पूजा पाल हैं

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों के पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो बड़े नेता समाजवादी पार्टी (सपा) के कैंप में सेंध लगाने के टास्क को पूरा करने में जुटे हैं। जिसके चलते हर महीने सपा कैंप के दो बड़े नेताओं को भाजपा में शामिल कराया जाएगा। कुल 14 सपा नेताओं को भाजपा के खेमे में शामिल करने के तैयारी है। सबसे पहले सपा के जिन दो बड़े नेताओं को भाजपा में शामिल कराया जाएगा, वह सूबे की धार्मिक नगरी प्रयागराज के समीप के जिले से संबन्धित हैं।

इसी माह उन्हें भाजपा में शामिल करने की तैयारी है। अगले कुछ दिनों में ये दो नेता पाला बदलकर भाजपा में आने वाले हैं। इनमें पहला नाम इंद्रजीत सरोज का है। जबकि दूसरी नेता पूजा पाल हैं। यह दोनों ही वर्तमान में सपा के विधायक हैं और उन्होंने भाजपा में आने का मन बना लिया है। इस नेताओं का भाजपा में आना सपा मुखिया अखिलेश यादव के लिए बड़ा झटका होगा।    

भाजपा नेताओं का दावा है जल्दी ही सपा के यह दोनों विधायक भाजपा के साथ खड़े दिखेंगे। ठीक उसी तरह से जैसे कि बीते माह दारा सिंह चौहान सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा के एक राष्ट्रीय महासचिव का कहना है कि सूबे के एक डिप्टी सीएम इस मिशन को अंजाम देने में जुटे हैं। उनके इस मिशन की भनक सपा के बड़े नेताओं को भी हुई है लेकिन अखिलेश यादव अपने नाराज विधायकों को माना नहीं पा रहे हैं।

रेवती रमन सिंह जैसे नेता भी अब खुलकर पार्टी में अपनी हो रही अनदेखी को लेकर बोलने लगे हैं। कह रहे हैं कि उन्हे और उनके बेटे दोनों की पार्टी में अनदेखी की जा रही है। सपा में  पिछड़ी जाति और दलित समाज के कई नेता भी ऐसा ही महसूस कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि सपा विधायक इंद्रजीत सरोज भी ऐसा ही महसूस कर रहे हैं। इंद्रजीत कौशांबी जिले के मंझनपुर से विधायक हैं। वे चौथी बार विधायक बने हैं। कभी मायावती के करीबी रहे इंद्रजीत सरोज अभी अखिलेश यादव के करीबी हैं और अब वह भाजपा का दामन थामने की तैयारी है।

इसकी प्रकार सपा विधायक पूजा पाल का भी पार्टी से मोहभंग हो गया है। अपने पति राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल के मर्डर के बाद से ही वे अखिलेश यादव से नाराज चल रही हैं। उमेश पाल की हत्या अतीक और उसके साथियों ने की थी। सपा के कई नेताओं ने इस मामले में अतीक अहमद का बचाव किया था, जबकि पूजा पाल के विधायक पति राजू पाल की हत्या का आरोप भी अतीक अहमद और उसके गैंग पर लगा था।

पूजा पाल कौशांबी जिले की चायल सीट से तीसरी बार विधायक बनी है। इससे पहले वह दो बार बसपा के टिकट पर विधायक रह चुकी हैं। प्रयागराज की शहर पश्चिम सीट पर पूजा पाल पहली बार वर्ष 2007 में अतीक अहमद के भाई अशरफ को हराकर विधायक चुनी गई थी। इसके बाद वर्ष 2012 में माफिया अतीक अहमद को हराकर विधायक बनी थी।

पूजा पाल के नजदीकी लोगों का कहना है कि योगी सरकार ने माफिया अतीक अहमद और उसके गैंग के खिलाफ जो सख्त कार्रवाई की है उससे वह बहुत प्रभावित हैं। फिलहाल वह डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के संपर्क में हैं। बृजेश पाठक और पूजा पाल दोनों ही पहले मायावती की पार्टी में रहे हैं। पूजा पाल के नजदीकी लोगों का कहना है कि पूजा पाल ने लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहती हैं। 

इस मंशा की पूर्ति के लिए वह विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने को तैयार हैं। फिलहाल पूजा पाल और इंद्रजीत सरोज भाजपा में शामिल होने के सवाल पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
 

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