एलएसी पर जारी गतिरोध के बीच अजीत डोभाल ने की चीनी राजनयिक के साथ बैठक, इन मुद्दों पर हुई चर्चा
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 25, 2023 04:41 PM2023-07-25T16:41:03+5:302023-07-25T16:42:49+5:30
बैठक में अजीत डोभाल ने चीनी राजनयिक वांग यी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि 2020 के बाद भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जो स्थिति बनी है उससे भारत-चीन के रिश्तों को नुकसान हुआ है।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने सोमवार, 24 जुलाई को रिष्ठ चीनी राजनयिक वांग यी के साथ बैठक की। सीमा पर जारी तनाव के बीच चीनी राजनयिक के साथ एनएसए डोभाल की बैठक बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। बैठक में अजीत डोभाल ने चीनी राजनयिक वांग यी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि 2020 के बाद भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जो स्थिति बनी है उससे भारत-चीन के रिश्तों को नुकसान हुआ है। डोभाल ने चीनी राजनयिक से कहा कि एलएसी पर जारी हालात ने "रणनीतिक विश्वास" और रिश्ते के सार्वजनिक और राजनीतिक आधार को खत्म कर दिया है।
बैठक के दौरान, एनएसए ने स्थिति को सुलझाने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए निरंतर प्रयासों के महत्व पर भी जोर दिया ताकि द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति में आने वाली "बाधाओं" को दूर किया जा सके। डोभाल और वांग यी की ये मुलाकात दक्षिण अफ्रीका में फ्रेंड्स ऑफ ब्रिक्स बैठक के इतर हुई। यह बैठक विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा इंडोनेशियाई राजधानी जकार्ता में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के विदेश मामलों के आयोग के कार्यालय के निदेशक वांग से मुलाकात के कुछ दिनों बाद हुई।
बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि भारत-चीन द्विपक्षीय संबंध न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि क्षेत्र और दुनिया के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
बता दें कि गलवान में 2020 में भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के बाद से ही एलएसी पर कई क्षेत्रों में पिछले तीन वर्षों से गतिरोध बना हुआ है। दोनों पक्षों ने कई राजनयिक और सैन्य वार्ताओं के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पूरी कर ली है। लेकिन अब भी हालात सामान्य नहीं है।
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, डोभाल के साथ बैठक के दौरान वांग यी ने कहा कि दोनों पक्षों को रणनीतिक आपसी विश्वास बढ़ाना चाहिए, आम सहमति और सहयोग पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, बाधाओं को दूर करना चाहिए और द्विपक्षीय संबंधों को जल्द से जल्द मजबूत और स्थिर विकास की पटरी पर लाना चाहिए। वांग ने कहा कि चीन न्यायसंगत विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत सहित विकासशील देशों के साथ काम करने के लिए तैयार है।