नई दिल्ली, 18 सितंबरः दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष आजय माकन के इस्तीफे को लेकर दिल्ली की सियासत गर्म है। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर इस्तीफे की पेशकश की थी। लेकिन पार्टी ने एक आधिकारिक ट्वीट जारी करते हुए कहा कि उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है। उन्हें कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जिसके चेकअप के लिए वह जा रहे हैं। वह जल्द ही लौट आएंगे। उन्होंने हाल ही में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली मामलों के पार्टी प्रभारी पीसी चाको से मुलाकात की थी।
लेकिन खबर के साथ ही कई तरह चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। इनमें सबसे ज्यादा चर्चा दिल्ली में कांग्रेस के नये चेहरे को लेकर हो रही है। सोशल मीडिया और सियासी गलियारों में यह खबर गूंज गई है कि क्या कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव 2019 किसी और चेहरे के साथ लड़ेगी या अजय माकन ही पार्टी के खेवनहार बने रहेंगे।
कई मिली-जुली राय में ऐसा कहा जा रहा है कि अजय माकन ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद का जिम्मा तब संभाला था जब पार्टी बेहद नाजुक दौर से गुजर रही थी। इसलिए आलाकमान उन्हें दिल्ली के प्रमुख पद ही रखना चाहेगी। लेकिन दूसरी ओर चर्चा है कि कांग्रेस का आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर एक मास्टर स्ट्रोक लगाने जा रही है। क्योंकि अजय माकन के मुकाबले प्रतिद्वंदी पार्टियों आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और मनोज तिवारी भारी पड़ रहे हैं। इसलिए अब यहां एक ऐसे चेहरे की दरकार है जो इन दोनों को कड़ी टक्कर दे सके।
उल्लेखनीय है अजय माकन की अध्यक्षता में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई थी। लेकिन इस दुर्गति के बाद भी वह संगठन को आगे बढ़ाते रहे। लेकिन करीब चार सालों से दिल्ली कांग्रेस किसी मुद्दे पर सत्ता पक्ष पर कोई खास दबाव बनाने में सफल नहीं रही है। जबकि बीजेपी में सतीश उपाध्याय को हटाने के बाद दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष बने मनोज तिवारी लगातार सरकार पर हमलावर हैं और पार्टी आगे बढ़ती नजर आ रही है। ऐसे में अजय माकन से जुड़ी इस खबर को लेकर कई तरह की अटकलें लग रही हैं-
प्रियंका चतुर्वेदी को किया जाएगा आगे?
इस वक्त दिल्ली आधारित कांग्रेस नेताओं में प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी सबसे ज्यादा सक्रिय नजर आती हैं। प्रियंका लगातार दिल्ली से संबंधित विषयों पर मुखर रही हैं। वह आगे बढ़कर टीवी डिबेट में हिस्सा लेती हैं और पत्र-पत्रिकाओं में भी दिल्ली के मुद्दों पर लेखन करती हैं। प्रियंका तहलका, डेली न्यूज एक्टिविस्ट और फर्स्टपोस्ट में कॉलमिस्ट भी रही हैं। वह दो एनजीओ में ट्रस्टी भी रही हैं। प्रियंका को उनके बच्चों व महिलाओं के कल्याण के लिए किए जाने वालों कामों के लिए जाना जाता है। ऐसा माना जा रहा है कि आगामी चुनावों में वह किसी महत्वपूर्ण भूमिका में आ सकती हैं।
अरविंदर सिंह लवली दोबारा बनेंगे चेहरा?
युवा कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली पहले भी दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2013 कांग्रेस ने उन्हीं की अध्यक्षता में लड़ा था। लेकिन तब आप की लहर में कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ था, लेकिन आप को बाहर से समर्थन देकर अरविंदर ने कांग्रेस की वापसी करा दी थी। लेकिन केजरीवाल के दूसरे दांव (49 दिन बाद केजरीवाल ने अपनी ही सरकार गिरा दी थी) ने कांग्रेस को चित्त कर दिया और अरविंदर ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गए थे। लेकिन हाल ही में फिर से पलटी खाते हुए अरविंदर लवली ने कांग्रेस ज्वाइन कर लिया था। उन्हें दिल्ली के तेज-तर्रार नेताओं में गिना जाता है। ऐसा माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की तर्ज पर दिल्ली में भी राहुल गांधी एक के बजाए दो नेताओं पर दांव लगाएंगे। इनमें से एक चुनाव प्रभारी और दूसरा अध्यक्ष हो सकता है।
संदीप दीक्षित की होगी वापसी?
पूर्व दिल्ली मुख्यमंत्री शीला दीक्षित बेटे संदीप दीक्षित दिल्ली में सांसद रह चुके हैं और वापसी के लिए तैयार हैं। आने वाले चुनावों के मद्देनजर संदीप दीक्षित को भी कांग्रेस कुछ महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दे सकती है।
दिल्ली में कांग्रेस के लिए एकदम नया चेहरा!
कांग्रेस दिल्ली में बीजेपी की तर्ज पर किसी दूसरे प्रदेश के जाने-पहचाने और तेज-तर्रार नाम पर भी, जो कि दिल्ली में प्रभाव रखता हो, उसे दिल्ली ला सकती है। मूलतः बिहार समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले और यूपी से पढ़े-लिखे मनोज तिवारी ने दिल्ली में बीजेपी की साख बढ़ाई है। अब कांग्रेस भी किसी ऐसे युवा और तेज-तर्रार चेहरे पर विचार कर सकती है।