सेना प्रमुख के बयान से भड़का विवाद, AIUDF ने आपत्ति जताई
By IANS | Published: February 23, 2018 12:31 AM2018-02-23T00:31:54+5:302018-02-23T00:33:54+5:30
एआईयूडीएफ प्रमुख और सांसद बदरुद्दीन अजमल ने सेना प्रमुख के बयान को आश्चर्यजन बताते हुए कड़ा विरोध जताया।
सेना प्रमुख बिपिन रावत ने अखिल भारतीय संयुक्त डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) पार्टी के बारे में बयान क्या दिया, हंगामा मच गया! उन्होंने कहा था कि असम में एआईयूडीएफ पार्टी का उत्थान मुस्लिमों के सहयोग से भाजपा से ज्यादा तेजी गति से हो रहा है, क्योंकि पाकिस्तान और चीन भारत को अस्थिर करने के लिए बांग्लादेशी प्रवासियों को भारत भेज रहे हैं। एआईयूडीएफ प्रमुख और सांसद बदरुद्दीन अजमल ने सेना प्रमुख के बयान को आश्चर्यजन बताते हुए कड़ा विरोध जताया। उधर, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस बयान की आलोचना की और कहा कि सेना प्रमुख अपने पद की गरिमा भूलकर बिना संवैधानिक अधिकार के राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहे हैं और भाजपा के उत्थान की चिंता कर रहे हैं।
सेना ने हालांकि अपने प्रमुख का बचाव किया है और कहा कि डीआडीओ भवन में एक समारोह के दौरान रावत के बयान में कुछ भी राजनीतिक या धार्मिक नहीं था। सेना ने कहा, "इस चर्चा में कुछ भी राजनीतिक या धार्मिक नहीं है। सेना प्रमुख ने सेमिनार में संयोजन और विकास के बारे में चर्चा की थी।"
सेना प्रमुख ने कहा था, "चीन की मदद से पाकिस्तान बांग्लादेश से भारत में अवैध प्रवासी को भेजता है, हालांकि उन्होंने दोनों देशों का नाम नहीं लिए थे, लेकिन इशारों में दोनों देशों को भारत का 'पश्चिमी पड़ोसी' और भारत का 'दक्षिणी' पड़ोसी कहा।"
#WATCH from Guwahati: AIUDF Chief Badruddin Ajmal addresses the media after Army Chief's remark on AIUDF https://t.co/jMbbyGBOZn
— ANI (@ANI) February 22, 2018
उन्होंने कहा, "वे लोग हमेशा कोशिश करते हैं और यह सुनिश्चित करने की कोशिश करते हैं कि जहां वे सीधे युद्ध नहीं लड़ सकते, वहां छद्म तरीक से युद्ध लड़ा जाए। छद्म युद्ध हमारे पश्चिमी पड़ोसी के द्वारा खेला जा रहा है और इसे हमारे उत्तरी पड़ोसी द्वारा समर्थन दिया जा रहा है।"
रावत ने कहा, "हम इस क्षेत्र में लगातार प्रवासी गतिविधि देख रहे हैं। इसका उपाय समस्या को पहचान करने से होगा।" उन्होंने कहा, "एआईयूडीएफ नाम की एक पार्टी है। अगर आप इसे देखें, तो यह हाल के वर्षो में भाजपा के उत्थान से भी तेजी गति से आगे बढ़ी है।"
उन्होंने कहा, "एक समय था जब हम संसद में जनसंघ के मात्र दो सदस्यों के होने की बात करते थे और अब देखिए वे कहां पहुंच गए हैं। एआईयूडीएफ असम में उससे भी तेजी गति से आगे बढ़ रही है। अंत में असम के साथ क्या होगा, हमें इस बारे में सोचना होगा।"
लोकसभा में 3 सीट वाली और असम विधानसभा में 13 विधायक वाली एआईयूडीएफ ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने 2006 के असम विधानसभा चुनाव में 10 सीट जीती थी। वर्ष 2011 में यह आंकड़ा बढ़कर 18 हो गया था। एआईयूडीएफ प्रमुख ने कहा कि देश के लिए जवानों के बलिदान की वजह से वह सेना और उनके प्रमुख की इज्जत करते हैं, लेकिन वह जो कुछ बोल रहे हैं, इससे वह अपनी इज्जत खुद घटा रहे हैं।
अजमल ने कहा, "लगता है, सेना प्रमुख गलतफहमी में हैं, जिसे स्पष्ट किए जाने की जरूरत है। उन्होंने जो भी कहा है वह संवैधानिक अधिकारों का हनन है। मैं उनके बयान में सिर्फ राजनीति देखता हूं। देश नहीं, भाजपा के लिए दर्द देखता हूं।"