नई दिल्ली, तीन अक्टूबर: राफेल सौदे को लेकर विपक्षी पार्टियां लागातार कांग्रेस पर हमला बोल रही है। राफेल को लेकर सियासी जंग जारी है। ऐसे में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का वायुसेना चीफ बीएस धनोआ फिर से बचाव किया है। वायुसेना चीफ बीएस धनोआ ने कहा है राफेल को एक अच्छा पैकेज बताया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा विमान उपमहाद्वीप के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
राफेल डील को बोल्ड बताते हुए इसका समर्थन करते हुए राजधानी दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में धनोआ ने कहा कि राफेल और S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम डील बूस्टर डोज के समान है। उन्होंने कहा कि सरकार जैसे ही S-400 एयर डिफेंस सिस्टम डील को मंजूरी देगी, यह 24 महीनों में हमें मिलने लगेगा।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि दसॉल्ट एविएशन ने ऑफसेट साझेदार को चुना और सरकार तथा भारतीय वायुसेना की इसमें कोई भूमिका नहीं थी। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘राफेल एक अच्छा लड़ाकू विमान है। यह उपमहाद्वीप के लिये काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।’’
वायु सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘हमें अच्छा पैकेज मिला, हमें राफेल सौदे में कई फायदे मिले।’’कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष सरकार पर राफेल सौदे में अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा रहा है। भाजपा ने इन सभी आरोपों को झूठा बताया है।
इस वक्त आया दिलचस्प मोड़
राफेल विवाद में दिलचस्प मोड़ पिछले महीने तब आया जब फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के हवाले से कहा गया कि फ्रांस को दसॉल्ट के वास्ते भारतीय साझेदार चुनने के लिए कोई विकल्प नहीं दिया गया था। भारत सरकार ने फ्रेंच एयरोस्पेस कंपनी के लिए ऑफसेट साझेदार के रूप में रिलायंस के नाम का प्रस्ताव रखा था। मोदी ने 10 अप्रैल 2015 को पेरिस में ओलांद के साथ बातचीत के बाद 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने की घोषणा की थी।
राहुल गांधी ने फिर साधा प्रधानमंत्री पर निशाना
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल मामले पर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति अनिल अंबानी पर निशाना साधा। गांधी ने एक खबर शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘‘भारत के सबसे बड़े रक्षा कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए प्रधानमंत्री ने कुछ आधार बना रखे हैं। पहला यह कि 45 हजार करोड़ रुपये के डिफॉल्टर बनिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दूसरा यह कि दूसरी कंपनियों से पैसा उधार लीजिये जो उच्चतम न्यायालय से गुहार लगाएं कि आपको देश से बाहर नहीं जाने दिया जाए। तीसरा यह कि आपको प्रधानमंत्री 'भाई' कहें, लेकिन आपके पास कोई उचित अनुभव नहीं हो।' गांधी ने जो खबर शेयर की है उसके मुताबिक स्वीडन की एक कंपनी ने उच्चतम न्यायालय से आग्रह किया है कि अनिल अंबानी और उनके समूह के दो अन्य अधिकारियों को देश से बाहर नहीं जाने दिया जाए क्योंकि उसके बकाए का भुगतान नहीं हुआ है।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट)