AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का सरकार पर दोहरा हमला, कहा- क्या यह असंसदीय नहीं है कि स्पीकर पीएम के पीछे बैठे?
By मनाली रस्तोगी | Published: July 14, 2022 05:32 PM2022-07-14T17:32:59+5:302022-07-14T17:34:42+5:30
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को असंसदीय शब्दों की नई लिस्ट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। ओवैसी ने कहा, "आप संसद में जो बोलते हैं उसमें संदर्भ महत्वपूर्ण होता है। आप केवल शब्दों को असंसदीय नहीं कह सकते। क्या यह असंसदीय नहीं है कि स्पीकर पीएम के पीछे बैठे (कांस्य राष्ट्रीय प्रतीक के उद्घाटन के दौरान)?"
नई दिल्ली: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को राष्ट्रीय प्रतीक को लेकर फिर से सरकार पर निशाना साधा। यही नहीं, उन्होंने संसद के मानसून सत्र से पहले कुछ शर्तों को 'असंसदीय' के रूप में प्रतिबंधित करने वाली कथित लोकसभा सचिवालय पुस्तिका पर भी दोहरा हमला किया। ओवैसी ने कहा, "आप संसद में जो बोलते हैं उसमें संदर्भ महत्वपूर्ण होता है। आप केवल शब्दों को असंसदीय नहीं कह सकते। क्या यह असंसदीय नहीं है कि स्पीकर पीएम के पीछे बैठे (कांस्य राष्ट्रीय प्रतीक के उद्घाटन के दौरान)?"
बता दें कि अब संसद के दोनों सदनों में इस्तेमाल होने वाले शब्दों के लिए नई गाइडलाइंस जारी हुई हैं। इसके तहत असंसदीय शब्दों की लिस्ट तैयार हुई है। इन शब्दों का इस्तेमाल लोकसभा और राज्यसभा दोनों जगह बैन होगा। असंसदीय शब्द 2021 शीर्षक के तहत बनाई गई इस लिस्ट में ऐसे शब्दों और वाक्यों का जिक्र है जिन्हे असंसदीय अभिव्यक्ति की श्रेणी में रखा गया है। इनमें जुमलाजीवी, कोयला चोर, दलाल, कोरोना स्प्रेडर, जयचंद, भ्रष्ट, दादागीरी जैसे शब्द शामिल हैं।
18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले सदस्यों के इस्तेमाल के लिए जारी किए गए इस संकलन में ऐसे शब्दों या वाक्यों को शामिल किया गया है जिन्हें लोकसभा, राज्यसभा और राज्यों के विधानमंडलों में वर्ष 2021 में असंसदीय घोषित किया गया था। टीएमसी सांसद डेरेक ओ'ब्रायन, कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी और जयराम रमेश जैसे कई विपक्षी सांसदों ने इस कदम की आलोचना की और 'गैग' आदेश के पीछे के तर्क पर सवाल उठाया। ओ'ब्रायन ने कहा कि वह 'लोकतंत्र' के लिए लड़ने के लिए शब्दों का इस्तेमाल करना जारी रखेंगे।
इस बीच लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने कहा कि अगर ऐसे शब्द बोले जाते हैं जो सदन की मर्यादा के अनुरूप नहीं हैं तो यह सभापति के अधिकार क्षेत्र में है कि वह इसे संसद या विधानसभा में हटा दे। वहीं, जनसंख्या नियंत्रण उपायों पर टिप्पणी करते हुए ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी दो बच्चों की नीति को अनिवार्य करने वाले किसी भी कानून का समर्थन करेगी क्योंकि इससे देश को लाभ होगा।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "हमें चीन की गलतियों को नहीं दोहराना चाहिए। मैं किसी ऐसे कानून का समर्थन नहीं करूंगा जो दो बच्चों को केवल नीति को अनिवार्य करता है क्योंकि इससे देश को कोई फायदा नहीं होगा। भारत की कुल प्रजनन दर घट रही है, 2030 तक यह स्थिर हो जाएगी।"