अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना में होगी 5 साल की देरी! अब 2028 तक पूरा होने का अनुमान
By विनीत कुमार | Published: September 5, 2020 01:16 PM2020-09-05T13:16:07+5:302020-09-05T13:16:07+5:30
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में अब पांच साल की और देरी होगी। ऐसे में इसे 2028 से पहले शुरू करना मुश्किल होगा। कोरोना महामारी सहित जमीन अधिग्रहण, हाई रेट जैसे कई कारणों से प्रोजेक्ट में ये देरी हो रही है।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में पांच साल की देरी हो सकती है। जापानी कंपनियों की कम हिस्सेदारी, नीलामी के लिए बोली लगाने वालों के अनुचित रेट की वजह से कैंसल हुए टेंडर, भूमि अधिग्रहण में देरी, कोरोना महामारी सहित अंडरग्राउंड प्रॉजेक्ट जैसी वजहों से पीएम नरेंद्र मोदी के दिल के बेहद करीब माने जाने वाली ये परियोजना अब देर से पूरी हो सकती है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार रेलवे अब ये मान कर चल रहा है कि इस परियोजना को अब अक्टूबर 2028 तक पूरा किया जा सकेगा। पूर्व के तय समय के अनुसार इसे साल 2023 के दिसंबर तक पूरा कर लिया जाना था।
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन ने परियोजना के लिए 63 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण कर लिया है जिसमें गुजरात में लगभग 77 प्रतिशत भूमि, दादर नगर हवेली में 80 प्रतिशत और महाराष्ट्र में 22 प्रतिशत भूमि शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र के पालघर और गुजरात के नवसारी जैसे इलाकों में अभी भी भूमि अधिग्रहण से जुड़े कुछ मुद्दे हैं। अधिकारियों ने कहा कि पिछले साल कंपनी ने नौ लोक निर्माण टेंडर मंगवाए थे लेकिन इन्हें कोरोना वायरस महामारी के कारण खोला नहीं जा सका।
508 किलोमीटर की मुंबई-अहमदाबाद रेल कॉरिडोर परियोजना
मुंबई और अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर रेल कॉरिडोर परियोजना को जपाना से लिए 80 प्रतिशत लोन की मदद से पूरा किया जा रहा है। इसके लिए जापान से 0.1 प्रतिशत की दर पर 15 साल के लिए जापान से लोन लिया गया है। भारत की ओर से आजादी के 75 साल पूरा होने के मौके पर 2022 में इसके एक भाग को शुरू करने की योजना थी।
इस पूरी परियोजना में 1.08 लाख करोड़ रुपये का खर्चा आ रहा है। इसमें भारत सरकार 10 हजार करोड़ रुपये दे रही है जबकि दो राज्य गुजरात और महाराष्ट्र भी 5-5 हजार करोड़ रुपये दे रहे हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार इस प्रॉजेक्ट के सबसे महत्वपूर्ण सेक्शन माने जा रहे 21 किलोमीटर के अंडरग्राउंड स्ट्रेच के लिए जापान की तरफ से हिस्सेदारी नहीं मिली है। 21 किलोमीटर के इस स्ट्रेच में से 7 किलोमीटर मुंबई के पास समुद्र से होकर गुजरेगा। अभी इसे लेकर कोई भी डील फाइनल नहीं हो सकी है।
टेंडर की अनुमान से अधिक की लगी बोली
बताया जा रहा कि 11 टेंडर्स की बोली जापानी कंपनियों की ओर से लगाई जानी थी। हालांकि ये बोली अनुमानित दर से 90 प्रतिशत अधिक थी। सूत्रों के अनुसार इसके बाद भारत ने अधिक दर से इसे मानने से इनकार कर दिया है।
वहीं, 21 किलोमीटर के ही निर्माण में अनुमान के अनुसार 60 से ज्यादा महीने लगेंगे। इसके निर्माण में बेहद आधुनिक बोरिंग मशीन और खास उच्च तकनीक की जरूरत पड़ेगी। साथ ही इस दौरान महाराष्ट्र के करीब फ्लेमिंगो सैंक्चुअरी को बचाए रखना भी चुनौती होगी।
बुलेट ट्रेन का 508.17 किलोमीटर लंबा नेटवर्क महाराष्ट्र के तीन जिलों (मुंबई, ठाणे और पालघर) से गुजरेगा। इसके अलावा इसे गुजरात के आठ जिलों (वलसाड, नवसारी, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद, खेड़ा और अहमदाबाद) से गुजरना है।