'अग्निपथ' विवाद: उद्धव ठाकरे ने कहा, "पता नहीं 'अग्निवीर' जैसे नाम क्यों दे दिया, जिनका कोई मतलब नहीं है? चार साल बाद बेरोजगारों को क्या मिलेगा, सोचा है?
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 19, 2022 08:01 PM2022-06-19T20:01:20+5:302022-06-19T20:08:48+5:30
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 'अग्निपथ विवाद' को लेकर मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि 'अग्निपथ' देश के युवाओं के जीवन और उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने के लिए शुरू किया गया है।
मुंबई: महाराष्ट्र में भाजपा के पूर्व सहयोगी और नये प्रतिद्वंदी शिवसेना ने भी 'अग्निपथ विवाद' को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ हमला बोल दिया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि 'अग्निपथ' देश के युवाओं के जीवन और उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने के लिए शुरू किया गया है।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी के 56वें स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी के विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अगर युवाओं के पास नौकरी नहीं है और वो बेरोजगार हैं तो केवल भगवान राम के बारे में बोलने का कोई मतलब नहीं है।
मुख्यमंत्री ठाकरे ने प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेते हुए परोक्ष हमला करते हुए कहा, "आपको केवल वही आश्वासन देना चाहिए जो आप दे सकते हैं लेकिन आप ऐसा बात कर रहे हैं, जो इस देश के युवाओं के लिए प्रतिकूल है।"
इसके साथ ही उन्होंने कहा, "आखिर मुझे समझ में नहीं आता है कि इन योजनाओं को नाम 'अग्निवीर' और 'अग्निपथ' क्यों दिया गया, जिनका कोई मतलब नहीं है? सरकार इस बात को स्पष्ट करे कि आखिर 17 से 21 साल के युवा सेना की चार साल की नौकरी करने के बाद क्या करेंगे?"
शिवसेना अध्यक्ष ने कहा, "यह बात समझ से परे है कि सेना में कांट्रैक्ट पर सैनिकों की बहाली क्यों की जा रही है। यह देश की सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक है। इसका सीधा संबंध युवाओं से है, जिनकी महत्वाकांक्षाओं के साथ यह सरकार खिलवाड़ कर रही है। अगर युवा बेरोजगार रहेंगे तो उन्हें केवल भगवान राम के बारे में बोलने से कोई मतलब नहीं है।"
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि "'अग्निपथ' योजना के खिलाफ देश में हिंसक प्रदर्शन हो रहा है, बावजूद इसके महाराष्ट्र शांत है।" मालूम हो कि केंद्र सरकार ने बीते मंगलवार को 'अग्निपथ' योजना की घोषणा करते हुए कहा था कि साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए सेना में शामिल किया जाएगा, जिनमें से 25 फीसदी को नियमित किया जाएगा, जबकि 75 फीसदी को रिटायर कर दिया जाएगा। केंद्र की नई योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा।
योजना की घोषणा के बाद पूरे देश में युवाओं के द्वारा हिंसक विरोध-प्रदर्शन शुरू किया, जिसके बाद बैकफुट पर आई केंद्र सरकार ने 'अग्निपथ' योजना के तहत भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को वर्ष 2022 के लिए 21 से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया।
इसके साथ ही यह घोषणा भी की गई कि 'अग्निपथ' योजना के तहत भर्ती के लिए 10 प्रतिशत नौकरियों को भी आरक्षित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई, लेकिन उन्हें भी सेना की अपेक्षित पात्रता को पूरा करना होगा। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)