नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरे राज्यों से लौटे, प्रदेश के और बिहार के लोगों के लिए रातों रात 1000 बसों का इंतजाम कर उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने की पहल की। सीएम योगी के इस फैसले के बाद दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की सरकार भी एक्शन में दिख रही है। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने दिल्ली-यूपी के पास गाजीपुर का दौरा किया, जहां लोग उत्तर प्रदेश में अपने घरों के लिए विशेष बसों में सवार होने के लिए बड़ी संख्या में एकत्र हुए थे। मीडिया से बात करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा, "हमने उन्हें परिवहन के लिए कुछ डीटीसी बसें भी प्रदान की हैं। मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि वे जहां रहें, वहीं रहें।"
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा, हमने इन लोगों को रोकने और ठहराने के लिए यहां (गाजीपुर) स्कूलों को समीप के आश्रयों में परिवर्तित करना शुरू कर दिया है। मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे अपने घरों या झोपड़ियों को न छोड़ें। बेघर लोग रैन बसेरों में ठहर सकते हैं। हमारे पास पूरी दिल्ली के लोगों को खिलाने की क्षमता है।
जानें सीएम योगी आदित्यनाथ ने कैसे ही मजदूरों को रातों-रात उनके घर वापस भेजने की प्लानिंग
उत्तर देश सरकार के एक अधिकारी ने शनिवार को ' भाषा ' को बताया कि दूसरे राज्यों से आए उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के लिए व्यवस्था करने की खातिर मुख्यमंत्री योगी रात भर जागते रहे। अधिकारी ने बताया कि परिवहन अधिकारी, ड्राइवर एवं कंडक्टर रातों-रात घरों से जगा कर बुलाए गए। उन्होंने कहा, "रातों रात ही 1000 बसों का इंतज़ाम किया गया।" दिल्ली और अन्य जगहों से बड़ी संख्या में लोग विशेषकर मजदूर नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर और अलीगढ़ जैसी जगहों पर पहुंचे थे।
अधिकारी ने कहा, "मुख्यमंत्री योगी ने रात भर जाग कर नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, हापुड़ आदि इलाक़ों में 1000 से ज्यादा बसें लगाकर इनको गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था कराई ।" उन्होंने बताया कि उक्त जिलों में पहुंचे लोगों और उनके परिवार वालों विशेषकर बच्चों के लिए भोजन का इंतजाम भी कराया गया। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के दौरान काम नहीं होने की वजह से उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के आसपास के अन्य राज्यों में काम करने वाले उन मजदूरों का जत्था प्रदेश की सीमा से सटे जिलों में देखा जा सकता है जो पैदल ही अपने गंतव्य की ओर चल पड़ा है। ये लोग अपने घर वापस लौटना चाहते हैं। हालांकि लॉकडाउन के कारण लोगों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है।