अभूतपूर्व चुनाव प्रचार के बाद मंगलवार को होने वाले केरल विधानसभा चुनाव की तैयारी पूरी

By भाषा | Published: April 5, 2021 06:04 PM2021-04-05T18:04:51+5:302021-04-05T18:04:51+5:30

After unprecedented election campaign, preparations for Kerala assembly elections to be completed on Tuesday | अभूतपूर्व चुनाव प्रचार के बाद मंगलवार को होने वाले केरल विधानसभा चुनाव की तैयारी पूरी

अभूतपूर्व चुनाव प्रचार के बाद मंगलवार को होने वाले केरल विधानसभा चुनाव की तैयारी पूरी

तिरुवनंतपुरम, पांच अप्रैल हफ्तों तक चले जबर्दस्त प्रचार अभियान, ताबड़तोड़ रैलियों और विशाल रोड शो के बाद केरल में मंगलवार को चुनाव होने जा रहा है, जहां 2.74 करोड़ मतदाता राज्य विधानसभा की 140 सीटों के लिए चुनाव मैदान में उतरे 957 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक राज्य के कुल मतदाताओं में 1,32,83,724 पुरुष, 1,41,62,025 महिला और 290 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं।

रविवार को प्रचार अभियान के समाप्त होने के बाद इस दक्षिणी राज्य में अब प्रत्याशी और पार्टी कार्यकर्ता घर-घर जाकर आखिरी मिनट में अपने लिए वोट मांग रहे हैं।

परंपरागत गठबबंधन- माकपा नीत लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) और कांग्रेस नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के कई मौजूदा विधायक छह अप्रैल को होने जा रहे चुनाव में फिर से जीत पाने की उम्मीद में हैं।

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा, देवस्वओम मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन, ऊर्जा मंत्री एम एम मणि और उच्च शिक्षा मंत्री के के जलील उन प्रमुख हस्तियों में शामिल हैं, जो सत्तारूढ़ पक्ष से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

यूडीएफ से मैदान में उतरे प्रमुख विपक्षी नेताओं में रमेश चेन्नीथला, पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी, वरिष्ठ नेता - के मुरलीधरण, पी टी थॉमस और तिरुवंचूर राधाकृष्णन शामिल हैं।

यह चुनाव भाजपा के भी कई नेताओं के लिए अहम है जिनमें मिजोरम के पूर्व राज्यपाल के राजशेखरन, हाल में भगवा पार्टी में शामिल हुए ‘मेट्रोमेन’ ई श्रीधरण, प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन, वरिष्ठ नेता शोभा सुरेंद्रन, राज्यसभा के सदस्य - सुरेश गोपी और के जे अल्फोंस समेत अन्य के नाम शामिल हैं।

छह अप्रैल को होने वाले चुनाव केरल कांग्रेस (एम) के अध्यक्ष जोस के मणि के लिए भी इतना ही महत्त्वपूर्ण है, जिन्होंने हाल ही में यूडीएफ के साथ दशकों पुराना संबंध तोड़कर वाम मोर्चे के साथ हाथ मिला लिया है।

यह चुनाव व्यक्तिगत तौर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए भी निर्णायक परीक्षा साबित होगा क्योंकि वह कई दिनों तक राज्य में रहे और यूडीएफ के लिए उन्होंने पूरे केरल में रैलियां कीं और कई बैठकों में हिस्सा लिया।

सत्तारूढ़ एलडीएफ हर पांच साल में यूडीएफ-एलडीएफ की सरकार बदल जाने के राज्य के करीब चार दशक पुराने चलन को तोड़ते हुए लगातार दूसरी बार सत्ता में आने की उम्मीद कर रही है।

एक तरफ यूडीएफ दो मई को घोषित होने वाले परिणामों में अपनी सरकार के गठन को लेकर आशवस्त है तो दूसरी तरफ भाजपा नीत राजग भी राज्य की सत्ता में निर्णायक पक्ष बनने के लिए अधिकतम सीटें लाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

चुनाव आयोग द्वारा 26 फरवरी को चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद से केरल में सभी तीनों राजनीतिक मोर्चों के बीच अभूतपूर्व प्रतियोगिता देखने को मिली, जिन्होंने मतदाताओं को लुभाने के लिए अधिक से अधिक रैलियां एवं बैठकें कीं तथा उन सभी राष्ट्रीय नेताओं को मैदान में उतारा, जिन्हें यहां बुलाया जा सकता था।

आम तौर पर राज्य में हर बार जहां एक या दो प्रमुख राष्ट्रीय नेता प्रचार के लिए आते थे, वहीं इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, उनके कैबिनेट के सहयोगी - निर्मला सीतारमण, राजनाथ सिंह और प्रहलाद जोशी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी नाथ से लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा, सचिन पायलट, ए के एंटनी, सलमान खुर्शीद और कई नेताओं के कई दौरे हुए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: After unprecedented election campaign, preparations for Kerala assembly elections to be completed on Tuesday

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे