बालासोर ट्रेन दुर्घटना के तीन महीने बाद भी नहीं हो पाई 28 यात्रियों के शवों की पहचान, एम्स भुवनेश्वर में रखे गए हैं शव

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 4, 2023 09:27 PM2023-09-04T21:27:44+5:302023-09-04T21:28:59+5:30

बालासोर जिले के बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास दो जून को तीन ट्रेनों की टक्कर में कम से कम 295 लोगों की जान चली गई थी और 1,200 से अधिक घायल हो गए थे। र्घटना के तीन महीने बीत जाने के बाद भी 28 यात्रियों के शवों की पहचान नहीं हो पाई है।

after three months of Balasore train accident bodies of 28 passengers could not be identified | बालासोर ट्रेन दुर्घटना के तीन महीने बाद भी नहीं हो पाई 28 यात्रियों के शवों की पहचान, एम्स भुवनेश्वर में रखे गए हैं शव

बालासोर में दुखद ट्रेन दुर्घटना के तीन महीने बीत चुके हैं

Highlightsबालासोर में दुखद ट्रेन दुर्घटना के तीन महीने बीत चुके हैंअब भी 28 यात्रियों के शवों की पहचान नहीं हो पाई एम्स भुवनेश्वर में शवों को विशेष फ्रीजर में रखा गया है

नई दिल्ली: ओडिशा के बालासोर में दुखद ट्रेन दुर्घटना के तीन महीने बीत जाने के बाद भी 28 यात्रियों के शवों की पहचान नहीं हो पाई है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। एम्स (भुवनेश्वर) के चिकित्सा अधीक्षक दिलीप परिदा ने बताया कि शवों को विशेष फ्रीजर में रखा गया है तथा उन्हें और अधिक समय तक संरक्षित रखा जा सकता है। 

उन्होंने कहा, ‘हमें लगता है कि कोई और दावेदार सामने नहीं आएगा क्योंकि पिछले 10 दिन में कोई नहीं आया है।’ अधिकारी ने बताया कि उच्च अधिकारियों से निर्देश मिलने के बाद शवों को सीबीआई को सौंप दिया जाएगा क्योंकि अब मामले की जांच उसी के हाथ में है। अधिकारी ने बताया कि एम्स भुवनेश्वर में दो चरणों में 162 शवों को पहुंचाया गया था।

उन्होंने बताया कि उनमें से 28 शव अज्ञात हैं और इनकी पहचान के लिए अब तक कोई नहीं आया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने दिल्ली में केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में डीएनए का मिलान करने के बाद शवों को दावेदारों को सौंपा था। अब भी 28 शव हमारे पास हैं। हम आगे की प्रक्रिया के लिए रेल मंत्रालय से निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।’’

पीड़ितों की पहचान के लिए अब तक 100 से अधिक डीएनए नमूने आनुवंशिक परीक्षण के लिए भेजे जा चुके हैं। बता दें कि बालासोर जिले के बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास दो जून को तीन ट्रेनों की टक्कर में कम से कम 295 लोगों की जान चली गई थी और 1,200 से अधिक घायल हो गए थे। 

इस हादसे की जांच कर रही सीबीआई ने 3 सितंबर को कथित गैर इरादतन हत्या और सबूतों को नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार तीन रेलवे अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। सीबीआई ने इस हादसे के सिलसिले में बालासोर जिले में तैनात वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर (सिग्नल) अरुण कुमार महंत, सेक्शन इंजीनियर अमीर खान और तकनीशियन पप्पू कुमार को 7 जुलाई को गिरफ्तार किया था।

सीबीआई ने इस मामले में गिरफ्तार 3 रेल अधिकारियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 भाग II (गैर इरादतन हत्या), धारा 34 के साथ 201 (सबूतों को नष्ट करना) और रेलवे एक्ट 1989 के सेक्शन 153 के तहत चार्जशीट दाखिल की।

Web Title: after three months of Balasore train accident bodies of 28 passengers could not be identified

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