फिदायीन हमले के बाद से राजौरी में आतंकियों की मौजूदगी की खबरों ने सुरक्षाबलों को किया परेशान, जानें मामला
By सुरेश एस डुग्गर | Published: August 19, 2022 02:01 PM2022-08-19T14:01:11+5:302022-08-19T14:02:01+5:30
रक्षाधिकारियों का कहना था कि इस दल के दो सदस्यों को राजौरी शहर में भी देखा गया है पर वे बच निकले हैं जिस कारण राजौरी में दहशत का माहौल है। एक पुलिस अधिकारी के बकौल, आतंकियों के राजौरी में घुस आने की खबरों के बाद हाई अलर्ट जारी किया जा चुका है।
जम्मू: इस महीने की 11 तारीख को एलओसी से सटे राजौरी में सेना की चौकी पर फिदायीन हमला कर चार जवानों की जान लेने वाले दो आतंकियों को तो हालांकि ढेर कर दिया गया था लेकिन उनके साथियों को फिलहाल तलाशा नहीं जा सका है जिनके प्रति बार-बार सूचनाएं मिल रही हैं कि वे राजौरी में ही कहर बरपाने के इरादे लिए हुए हैं।
अगर सुरक्षाधिकारियों पर विश्वास करें तो 11 अगस्त को मारे गए दोनों फिदायीन एक बड़े दल का हिस्सा थे। वे उसी रात एलओसी को पार कर इस ओर घुसे थे। हालांकि घुसने वाले फिदायीनों की सही संख्या तो किसी को ज्ञात नहीं है पर विभिन्न स्रोत्रों से मिली जानकारियों के मुताबिक, इस दल में 10 से 12 आतंकी थे जो अति प्रशिक्षित थे।
रक्षाधिकारियों का कहना था कि इस दल के दो सदस्यों को राजौरी शहर में भी देखा गया है पर वे बच निकले हैं जिस कारण राजौरी में दहशत का माहौल है। एक पुलिस अधिकारी के बकौल, आतंकियों के राजौरी में घुस आने की खबरों के बाद हाई अलर्ट जारी किया जा चुका है। रक्षा सूत्रों का यह भी कहना था कि घुसपैठ करने वाले आतंकी बड़े खतरनाक इरादे लिए हुए हैं। इसकी पुष्टि मारे गए दो आतंकियों से बरामद दस्तावेजों से भी होती थी।
हालांकि उन्हें शक था कि ये आतंकी दल पाक सेना को भारतीय सीमा चौकिओं पर हमलों में मदद के लिए भी तैयारी कर रहा है। यही नहीं राजौरी व पुंछ के रास्ते अधिक आतंकियों को इस पार धकेलने के इरादों से पाक सेना सीजफायर को भी दांव पर लगाने की तैयारियों में है। ऐसी खबरों के उपरांत एलओसी पर सुरक्षा ग्रिड को मजबूत बनाने के अलावा अतिरिक्त जवानों की तैनाती भी की गई है।