नई दिल्ली: ओडिशा में पार्षद के रूप में अपना सार्वजनिक जीवन शुरू करने वाली एक आदिवासी नेता अब देश की निर्वाचित राष्ट्रपति हैं। वे राष्ट्रपति बनने वाली भारत की पहली आदिवासी महिला हैं जबकि इस पद पर पहुंचने वाली दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं।
झारखंड की पूर्व राज्यपाल और राष्ट्रपति पद के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार मुर्मू ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा पर आसान जीत हासिल की। भारत की 15वीं राष्ट्रपति बनने वाली मुर्मू (64) स्वतंत्रता के बाद पैदा होने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति भी होंगी। वह 25 जुलाई को शपथ लेंगी।
नतीजों के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव में कुल 4754 वोट पड़े, जिसमें से 4701 वैध और 53 अमान्य वोट शामिल थे। कोटा (राष्ट्रपति चुने जाने वाले उम्मीदवार के लिए) 5,28,491 था। द्रौपदी मुर्मू को 2824 प्रथम वरीयता वोट हासिल हुए। जिसका मूल्य 6,76,803 है।
इसके जवाब में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 1,877 प्रथम वरीयता के वोट मिले, उनके वोटों का मूल्य 3,80,177 है। चूंकि मुर्मू द्वारा प्राप्त पहली वरीयता के वोट अपेक्षित कोटा से अधिक थे। इसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर ने कहा कि एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू भारत के राष्ट्रपति के पद के लिए चुनी गई हैं।
राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू को 64 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए, जबकि यशवंत सिन्हा को 36 प्रतिशत वोट मिले। चुनाव अधिकारी पी सी मोदी ने कहा राष्ट्रपति चुनाव में 4,754 वैध निर्वाचकों में द्रौपदी मुर्मू को 2,824 वोट प्राप्त हुए, जिनमें 540 सांसदों के वोट भी शामिल हैं। वहीं यशवंत सिन्हा को 1,187 मत मिले, जिनमें 208 सांसदों के वोट भी शामिल हैं।