जम्मू-कश्मीर: अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद 18 कश्मीरी पंडित मारे गए, पुलवामा में फिर हुई टारगेट किलिंग
By सुरेश एस डुग्गर | Published: February 26, 2023 04:17 PM2023-02-26T16:17:53+5:302023-02-26T16:22:19+5:30
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद टारगेट किलिंग में आतंकियों के हाथों मारे गए कश्मीरी पंडितों की संख्या 18 हो गई है। सबसे ज्यादा कश्मीरी पंडित वर्ष 2021 में मारे गए थे।
जम्मू: कश्मीर के पुलवामा में रविवार, 26 फरवरी को एक कश्मीरी पंडित की आतंकियों द्वारा की गई हत्या के बाद कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद टारगेट किलिंग में आतंकियों के हाथों मारे गए कश्मीरी पंडितों की संख्या 18 हो गई है। इस अरसे मे आतंकियों ने हिन्दुओं, सिखों और प्रवासी नागरिकों को भी नहीं बख्शा है। मारे गए प्रवासी नागरिकों में कई मुस्लिम भी थे।
जानकारी के लिए बता दें कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के अचन इलाके में रविवार को संदिग्ध आतंकियों ने एक कश्मीरी पंडित बैंक सुरक्षाकर्मी की गोली मार कर हत्या कर दी। उसकी पहचान अचन निवासी काशी नाथ पंडित के पुत्र संजय पंडित के तौर पर की गई है। संजय को गोली मारकर आतंकी मौके से फरार हो गए। गंभीर रूप से घायल संजय को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पिछले साल ही आतंकियों ने 3 कश्मीरी पंडितों को मौत के घाट उतारा था। जबकि वर्ष 2017 से लेकर अभी तक 45 अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को आतंकी मार चुके हैं। कईयों को जख्मी भी किया जा चुका है।
सबसे ज्यादा कश्मीरी पंडित वर्ष 2021 में मारे गए थे। वर्ष 2021 में ही आतंकियों ने कई प्रवासी नागरिकों को मार डाला। इतना जरूर था कि मारे जाने वाले प्रवासी नागरिकों में कई मुस्लिम भी थे जो रोजगार के सिलसिले में धरती के स्वर्ग में आए थे पर उनके लिए कश्मीर धरती का नर्क साबित हुआ था।
आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2017 से लेकर अब तक कश्मीर में 289 नागरिक मारे गए हैं। इनमें से 149 नागरिक अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद ही मारे गए। जबकि अनुच्छेद 370 हटने के बाद 18 कश्मीरी पंडितों को जब निशाना बनाया गया तो सैंकड़ों कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी पलायन कर जम्मू आ गए जो पिछले 8 महीनों से अपना स्थानांतरण करवाने को आंदोलन छेड़े हुए हैं और उन्हें इस अवधि का वेतन भी नहीं मिला है।