"राजीव की हत्या के बाद शरद पवार प्रधानमंत्री बनते, कांग्रेस दरबारियों ने नरसिम्हा राव को बना दिया", प्रफुल्ल पटेल ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 22, 2023 10:26 AM2023-06-22T10:26:30+5:302023-06-22T10:30:53+5:30
एनसीपी के कार्याकारी प्रमुख प्रफुल्ल पटेल ने पार्टी के जयंती समारोह में कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि शरद पवार बहुत पहले देश के प्रधानमंत्री बन गये होते, कांग्रेस के दरबारियों ने लंगड़ी मार दी।
मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के कार्यकारी प्रमुख प्रफुल्ल पटेल ने 90 के दशक की राजनीति को याद करते हुए महाराष्ट्र में पार्टी के साथ महाविकास अघाड़ी गठबंधन में मजबूती के साथ खड़ी कांग्रेस पार्टी पर जबरदस्त हमला किया है। प्रफुल्ल पटेल ने 82 साल के वयोवृद्ध पार्टी प्रमुख शरद पवार, बारामती से सांसद और पवार की बेटी सुप्रिया सुले और पवार के भतीजे अजित पवार की मौजूदगी में कहा कि कांग्रेस की कोटरी ने इस देश के सबसे अनुभवी और सक्षम राजनेता शरद पवार को बार-बार दरकिनार करके और अपमानित करके देश का प्रधानमंत्री बनने और कांग्रेस अध्यक्ष बनने से रोक दिया था।
एनसीपी की जयंती समारोह में प्रफुल्ल पटेल ने कहा, "कांग्रेस मंडली और दरबारियों ने कई बाद शरद पवार के साथ बुरा बर्ताव किया।'' प्रफुल्ल पटेल ने एनसीपी की स्थापना के घटनाक्रम को याद किया, जिसमें 10 जून 1999 को शरद पवार ने पीए संगमा और तारिक अनवर के साथ मिलकर नई पार्टी बनाई क्योंकि पवार, संगमा और अनवर ने कांग्रेस के भीतर सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा उठाया था और उस कारण पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया था।
एनसीपी के कार्यकारी प्रमुख पटेल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि वह समय में थोड़ा पीछे जाना चाहेंगे और दूसरों ने जो कहा है, उसमें से कुछ बोलना चाहेंगे। शरद पवार के अनन्य सहयोगी और भरोसेमंद समझे जाने वाले प्रफुल्ल पटेल ने बतौर एनसीपी कार्यकारी प्रमुख दिये अपने पहले संबोधन के दौरान साल 1991 और 1996 की घटनाओं का जिक्र किया जब उनके राजनीतिक गुरु शरद पवार ने प्रधानमंत्री बनने का अवसर गंवा दिया था।
पटेल ने साल 1991 में राजीव गांधी की हुई हत्या और उस वक्त के आम चुनावों का जिक्र करते हुए कहा, "राजीव गांधी के दिवंगत होने के बाद आये आम चुनाव के परिणाम के बाद पार्टी में कई लोगों की राय थी कि प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार शरद पवार जैसा युवा, गतिशील व्यक्ति होना चाहिए, जिसकी पूरे पार्टी प्रशासन पर जबरदस्त पकड़ हो। हालांकि, कांग्रेस की मंडली ने ऐसा नहीं होने दिया और पीवी नरसिम्हा राव को प्रधानमंत्री नियुक्त करने का निर्णय लिया।"
वहीं साल 1996 के प्रकरण का उलेलख करते हुए प्रफुल्ल पटेल ने कहा, “एक राय थी कि पवार साहब को कांग्रेस का अध्यक्ष होना चाहिए, लेकिन कांग्रेस मंडली फिर से लंगड़ी मार दी और उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष बनने से रोक दिया। नरसिम्हा राव ने पदभार संभालने के लिए सीताराम केसरी का नाम प्रस्तावित किया।
इसके साथ प्रफुल्ल पटेल ने यह भी कहा कि जब शरद पवार लोकसभा में नेता विपक्ष थे, तब भी कांग्रेस की दरबारी मंडली ने अपमानित किया और पार्टी में दरकिनार कर दिया था।" गौरतलब है कि 12 दिसंबर 2020 को जब शरद पवार 80 वर्ष के हुए थे, पटेल ने इस पूरे विवाद को लेकर हिंदी, अंग्रेजी और मराठी समाचार पत्र में एक लेख लिखा था।