जम्मू-कश्मीर के बाद अब लद्दाख में कुत्तों का आतंक, हर रोज आ रहे आधे दर्जन से अधिक काटने के मामले
By सुरेश एस डुग्गर | Published: February 9, 2023 11:39 AM2023-02-09T11:39:56+5:302023-02-09T11:42:10+5:30
लद्दाख में लगभह हर रोज कुत्तों द्वारा काटे जाने के सात से आठ मामले सामने आ रहे हैं। कश्मीर में सिर्फ साढ़े तीन सालों के भीतर जनवरी 2019 से जुलाई 2022 के बीच कुत्तों के काटने के 65 हजार से अधिक मामले सामने आए थे।
जम्मू: जम्मू कश्मीर के बाद अब बर्फीले रेगिस्तान लद्दाख में भी कुत्तों का आतंक देखा जा रहा है। इन कुत्तों के आतंक से छुटकारे के सभी प्रयास भी पूरी तरह सफल नहीं हो पा रहे हैं।
आधिकारिक आंकड़ों की बात करें तो जम्मू कश्मीर में प्रतिदिन 50 मामले कुत्तों के काटने के आ रहे हैं। लद्दाख में भी यह प्रतिदिन सात से आठ हो चुके हैं। कश्मीर में सिर्फ साढ़े तीन सालों के भीतर जनवरी 2019 से जुलाई 2022 के बीच कुत्तों के काटने के 65 हजार से अधिक मामले सामने आए थे।
प्रदेश में सबसे अधिक कुत्तों के काटने के मामले श्रीनगर में आ रहे हैं। कुत्तों के आतंक से मुक्ति दिलवाने के प्रयास भी हो रहे हैं। लद्दाख में पिछले 10 सालों के भीतर वर्ष 2013 से अभी तक 22145 कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है। श्रीनगर में भी प्रतिदिन 50 से 60 नसबंदियां की जा रही हैं पर यह अक्सर फंड की कमी का रोना रोते हुए यह रूक जाती हैं।
मजेदार बात यह है कि जम्मू नगरपालिका का दावा है कि जम्मू शहर में कुल 40 हजार कुत्तों में से 30 हजार की नसबंदी हो चुकी है और फिर भी कुत्तों के काटने के मामलों में कोई कमी नहीं दिख रही है।
आप सोच रहे होंगें की नसबंदी और कुत्तों के काटने का क्या संबंध है तो यह दरअसल जम्मू नगरपालिका के अधिकारियों का दावा है कि कुत्तों की अगर नसबंदी कर दी जाती है तो वे आक्रामक नहीं रहते और काटते भी नहीं है। हालांकि, इस बीच बढ़ते आंकड़े अधिकारियों दावों की पोल जरूर खोल रहे हैं।