ADR Report: देश के 107 सांसदों और विधायकों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषण देने के आरोप में मामले दर्ज, यहां देखें कौन सी पार्टी पहले पायदान पर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 4, 2023 01:34 PM2023-10-04T13:34:31+5:302023-10-04T13:35:44+5:30
ADR Report: एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) ने सभी मौजूदा सांसदों और विधायकों के अलावा पिछले पांच वर्षों में देश में हुए चुनावों में असफल उम्मीदवारों के चुनावी हलफनामों का विश्लेषण किया है।

सांकेतिक फोटो
ADR Report: देश के कुल 107 सांसदों और विधायकों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषण देने के आरोप में मामले दर्ज हैं और पिछले पांच वर्षों में ऐसे मामलों का सामना कर रहे 480 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा है। ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) ने सभी मौजूदा सांसदों और विधायकों के अलावा पिछले पांच वर्षों में देश में हुए चुनावों में असफल उम्मीदवारों के चुनावी हलफनामों का विश्लेषण किया है। विश्लेषण से पता चलता है कि कई मौजूदा सांसदों और विधायकों ने अपने खिलाफ ‘‘नफरती भाषण’’ से संबंधित मामलों की घोषणा की है।
यह विश्लेषण सांसदों और विधायकों द्वारा पिछला चुनाव लड़ने से पहले दिए गए हलफनामों पर आधारित है। विश्लेषण के अनुसार, 33 सांसदों ने अपने खिलाफ नफरती भाषण से संबंधित मामलों की घोषणा की है, जिनमें से सात उत्तर प्रदेश से, चार तमिलनाडु से, तीन-तीन बिहार, कर्नाटक और तेलंगाना से जबकि दो-दो असम, गुजरात, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल से तथा एक-एक झारखंड, मध्य प्रदेश, केरल, ओडिशा और पंजाब से हैं।
एडीआर ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में नफरती भाषण के आरोप से संबंधित घोषित मामलों वाले 480 उम्मीदवारों ने राज्य विधानसभाओं, लोकसभा और राज्यसभा का चुनाव लड़ा है। इसमें कहा गया है कि नफरत फैलाने वाले भाषण से संबंधित मामलों वाले 22 सांसद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से, दो कांग्रेस से और एक-एक आम आदमी पार्टी, एआईएमआईएम, एआईयूडीएफ, द्रमुक, अन्नाद्रमुक, पीएमके, शिवसेना (यूबीटी) और वीसीके से हैं जबकि एक निर्दलीय सांसद पर भी नफरती भाषण का मामला दर्ज है।
एडीआर के मुतबिक, 74 विधायकों ने अपने खिलाफ नफरती भाषण से संबंधित मामलों की घोषणा की है। इनमें बिहार और उत्तर प्रदेश से नौ-नौ, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना से छह-छह, असम और तमिलनाडु से पांच-पांच, दिल्ली, गुजरात और पश्चिम बंगाल से चार-चार, झारखंड और उत्तराखंड से तीन-तीन, कर्नाटक, पंजाब, राजस्थान और त्रिपुरा से दो-दो जबकि मध्य प्रदेश और ओडिशा से एक-एक विधायक शामिल हैं।