अडाणी को 500 करोड़ में बेची गईं एयरपोर्ट अथॉरिटी की 1300 करोड़ की संपत्तियां, कर्मचारी संघ ने पीएम को पत्र लिख लगाया आरोप
By विशाल कुमार | Published: October 5, 2021 03:21 PM2021-10-05T15:21:02+5:302021-10-05T15:24:12+5:30
ये आरोप ऐसे समय में लगाए गए हैं जब अपनी शुरुआत के बाद एएआई ने पहली बार पिछले वित्त वर्ष में 2814 करोड़ रुपये का नुकसान दिखाया है जबकि वित्त वर्ष 2020 में 1985 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. पिछले वर्ष में घाटे को दिखाते हुए एएआई ने जुलाई में छह महीने के लिए अपने कर्मचारियों के वेतन में जबरन कटौती कर दी.
नई दिल्ली: तीन एयरपोर्ट पर अधिकार लेने के दौरान एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) की 1300 करोड़ रुपये की एयरोनॉटिकल और नॉन-एयरोनॉटिकल संपत्तियों को अडाणी इंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) को मात्र 500 करोड़ रुपये में बेच दी गईं.
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, ये आरोप एयरपोर्ट अथॉरिटी के कर्मचारी संघ ने बीते 2 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर लगाया है. ये तीनों एयरपोर्ट मेंगलुरु, लखनऊ और अहमदाबाद हैं जिन्हें पिछले साल अडाणी ने अपने अधिकार में लिया था.
संघ का आरोप है कि निजीकरण के लिए सरकार के पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप अप्रेजल कमिटी (पीपीपीएसी) से मंजूरी मांगे जाने के दौरान नागरिक विमानन मंत्रालय ने इन संपत्तियों की कीमत 1300 करोड़ रुपये आंकी थी.
अडाणी को मेंगलुरु एयरपोर्ट की एयरोनॉटिकल और नॉन-एयरोनॉटिकल संपत्तियों के लिए 383 करोड़ के बजाय 74.5 करोड़ रुपये, लखनऊ एयरपोर्ट पर 583 करोड़ रुपये की जगह 147 करोड़ रुपये और अहमदाबाद एयरपोर्ट पर 384 करोड़ की जगह 277 करोड़ रुपये का भुगतान किया.
ये आरोप ऐसे समय में लगाए गए हैं जब अपनी शुरुआत के बाद एएआई ने पहली बार पिछले वित्त वर्ष में 2814 करोड़ रुपये का नुकसान दिखाया है जबकि वित्त वर्ष 2020 में 1985 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. पिछले वर्ष में घाटे को दिखाते हुए एएआई ने जुलाई में छह महीने के लिए अपने कर्मचारियों के वेतन में जबरन कटौती कर दी.
बता दें कि, दिसंबर 2018 में एएआई ने कुल छह एयरपोर्टों के लिए बोली मंगाई थी और फरवरी, 2019 में एईएल ने इन सभी के लिए सबसे अधिक बोली लगाई थी. इनमें से तीन को एईएल में स्थानांतरित कर दिया गया है और शेष तीन को इस महीने सौंपे जाने की संभावना है.