पंजाब में 26 अक्टूबर को पराली जलाने की कुल 1,238 घटनाएं हुईं, ‘खराब श्रेणी’ में दिल्ली की हवा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 27, 2022 07:51 AM2022-10-27T07:51:06+5:302022-10-27T07:52:49+5:30

लुधियाना स्थित पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर (पीआरएससी) के आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में बुधवार को पराली जलाने की कुल 1,238 घटनाएं दर्ज की गईं। राज्य में 24 अक्टूबर को इस तरह की 1,019 घटनाएं हुईं थीं।

A total of 1,238 incidents of stubble burning took place in Punjab on October 26 Delhi's air in 'poor category' | पंजाब में 26 अक्टूबर को पराली जलाने की कुल 1,238 घटनाएं हुईं, ‘खराब श्रेणी’ में दिल्ली की हवा

पंजाब में 26 अक्टूबर को पराली जलाने की कुल 1,238 घटनाएं हुईं, ‘खराब श्रेणी’ में दिल्ली की हवा

Highlightsपंजाब में बुधवार को पराली जलाने की कुल 1,238 घटनाएं हुईं। राज्य में किसानों द्वारा लगातार पराली जलाने की सूची में जिला तरनतारन सबसे ऊपर है।दिवाली पर दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान बढ़कर लगभग 10 प्रतिशत हो गया।

चंडीगढ़ः पंजाब में बुधवार को पराली जलाने की कुल 1,238 घटनाएं हुईं। इस मौसम में पराली जलाने की अब तक की ये सर्वाधिक घटनाएं हैं। राज्य में किसानों द्वारा लगातार पराली जलाने की सूची में जिला तरनतारन सबसे ऊपर है। वहीं दिल्ली की वायु गुणवत्ता में बुधवार को सुधार देखा गया, लेकिन यह ‘खराब श्रेणी’ में ही रही। रात में हवाओं के शांत हो जाने पर प्रदूषक कणों के जमा होने से इसके ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंचने की संभावना है।

लुधियाना स्थित पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर (पीआरएससी) के आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में बुधवार को पराली जलाने की कुल 1,238 घटनाएं दर्ज की गईं। राज्य में 24 अक्टूबर को इस तरह की 1,019 घटनाएं हुईं थीं। इस साल 15 सितंबर से 26 अक्टूबर की अवधि में पराली जलाने की कुल घटनाओं की संख्या 7,036 तक पहुंच गई थी।

तरनतारन जिला पराली जलाने की घटनाओं की सूची में सबसे ऊपर है। यहां बुधवार को 210 ऐसी घटनाएं दर्ज की गई, इसके बाद पटियाला में 183, संगरूर में 126, फिरोजपुर में 116 और कपूरथला में पराली जलाने की 90 घटनाएं हुईं। पठानकोट राज्य का एकमात्र जिला है, जहां इस सीजन में अब तक पराली जलाने की एक भी घटना नहीं हुई है। 

वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली (सफर) के अनुसार दिवाली पर दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान बढ़कर लगभग 10 प्रतिशत हो गया, जो इस साल अब तक का सबसे अधिक है। हालांकि पिछले साल यह दिवाली पर 25 प्रतिशत था। 2020 में 32 प्रतिशत और 2019 में 19 प्रतिशत था। दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी रविवार तक कम (पांच प्रतिशत तक) रही क्योंकि हवाएं इतनी तेज नहीं थीं कि खेतों की आग से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र तक धुआं आ सके।

सोमवार को दिवाली के दिन शाम चार बजे यह 312 था। वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज करने वाले निगरानी केंद्रों में आनंद विहार (358), वजीरपुर (318), विवेक विहार (316) और जहांगीरपुरी (320) शामिल थे। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के समीपवर्ती शहरों-- गाजियाबाद (273), नोएडा (262), ग्रेटर नोएडा (243), गुरुग्राम (244) और फरीदाबाद (246) में हवा की गुणवत्ता ‘‘खराब’’ श्रेणी में दर्ज की गई।

Web Title: A total of 1,238 incidents of stubble burning took place in Punjab on October 26 Delhi's air in 'poor category'

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे