‘चंद्रयान-2’ मिशन के 90-95 प्रतिशत उद्देश्य पूरे हुए, ऑर्बिटर में अतिरिक्त ईंधन मौजूद हैः इसरो

By भाषा | Published: September 9, 2019 05:38 PM2019-09-09T17:38:00+5:302019-09-09T17:38:00+5:30

इसरो के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ऑर्बिटर में पर्याप्त ईंधन मौजूद है। यान को चांद की कक्षा में प्रवेश कराने तक हमने किसी त्रुटि का सामना नहीं किया। अतिरिक्त ईंधन का बिलकुल भी इस्तेमाल नहीं किया गया। हर चीज योजना के अनुरूप हुई। हमारे पास (ऑर्बिटर में) अतिरिक्त ईंधन मौजूद है।’’

90-95% objectives of 'Chandrayaan-2' mission fulfilled, orbiter has extra fuel: ISRO | ‘चंद्रयान-2’ मिशन के 90-95 प्रतिशत उद्देश्य पूरे हुए, ऑर्बिटर में अतिरिक्त ईंधन मौजूद हैः इसरो

यह उल्लेख करते हुए कि ऑर्बिटर को पहले ही चांद की वांछित कक्षा में स्थापित किया जा चुका है।

Highlightsसटीक प्रक्षेपण और उत्कृष्ट मिशन प्रबंधन ने ऑर्बिटर का जीवनकाल निर्धारित एक वर्ष की जगह लगभग सात साल सुनिश्चित कर दिया है।गत शनिवार को ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करते समय ‘विक्रम’ का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया था।

लैंडर ‘विक्रम’ का अंतिम समय में जमीनी स्टेशन से संपर्क टूटने तक ‘चंद्रयान-2’ मिशन के त्रुटिरहित एवं सटीक प्रक्षेपण व शानदार प्रबंधन ने इसरो को ‘ऑर्बिटर’ के मोर्चे पर अत्यंत गौरवान्वित किया है।

यह बात अंतरिक्ष एजेंसी के एक अधिकारी ने कही। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 2,379 किलोग्राम वजनी ऑर्बिटर का मिशन काल एक साल तय किया था, लेकिन अब यह लगभग सात साल तक काम कर सकता है।

इसरो के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ऑर्बिटर में पर्याप्त ईंधन मौजूद है। यान को चांद की कक्षा में प्रवेश कराने तक हमने किसी त्रुटि का सामना नहीं किया। अतिरिक्त ईंधन का बिलकुल भी इस्तेमाल नहीं किया गया। हर चीज योजना के अनुरूप हुई। हमारे पास (ऑर्बिटर में) अतिरिक्त ईंधन मौजूद है।’’

अंतरिक्ष एजेंसी के एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘जीएसएलवी-मार्क ।।। (जिसने अंतरिक्ष यान को प्रक्षेपित किया) के शानदार प्रदर्शन और शानदार मिशन प्रबंधन की वजह से हमारे पास इसे (ऑर्बिटर) सात साल तक आगे जारी रखने के लिए पर्याप्त ईंधन है।’’

इसरो ने यह भी कहा कि सटीक प्रक्षेपण और उत्कृष्ट मिशन प्रबंधन ने ऑर्बिटर का जीवनकाल निर्धारित एक वर्ष की जगह लगभग सात साल सुनिश्चित कर दिया है। अंतरिक्ष एजेंसी ने लैंडर ‘विक्रम’ का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट जाने से प्रभावित हुए बिना कहा कि ‘चंद्रयान-2’ मिशन के 90-95 प्रतिशत उद्देश्य पूरे हुए हैं जिनसे चंद्र विज्ञान को लगातार मदद मिलती रहेगी।

गत शनिवार को ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करते समय ‘विक्रम’ का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया था। ‘विक्रम’ के भीतर रोवर ‘प्रज्ञान’ भी है। ऑर्बिटर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए चांद की सतह पर पड़े ‘विक्रम’ का भी पता लगा लिया और उसकी तस्वीर इसरो को भेज दी।

यह उल्लेख करते हुए कि ऑर्बिटर को पहले ही चांद की वांछित कक्षा में स्थापित किया जा चुका है, इसरो ने कहा, ‘‘यह अपने आठ अत्याधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों का इस्तेमाल कर चंद्रमा की उत्पत्ति के बारे में हमारी समझ में वृद्धि करेगा और इसके दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में मौजूद खनिजों तथा जलीय कणों का मानचित्रण करेगा।’’

इसरो ने कहा, ‘‘ऑर्बिटर का कैमरा किसी भी चंद्र मिशन में इस्तेमाल किया गया अब तक का सबसे उच्चतम गुणवतता वाला कैमरा (0.3 मीटर) है। यह उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें उपलब्ध कराएगा जो वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय के लिए अत्यंत लाभकारी होंगी।’’

अंतरिक्ष एजेंसी ने ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर युक्त इस मिशन के बारे में पूर्व में कहा था कि यह एक अद्वितीय मिशन है जो चांद के किसी एकमात्र क्षेत्र के अध्ययन पर नहीं, बल्कि एक ही बार में पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह के बाह्य मंडल, सतह और उप सतह सहित सभी क्षेत्रों का अध्ययन करने पर केंद्रित है। 

Web Title: 90-95% objectives of 'Chandrayaan-2' mission fulfilled, orbiter has extra fuel: ISRO

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