लोकसभा चुनाव में मैं भी चौकीदार कैंपेन के केंद्र में रहे देश के 85 लाख से अधिक चौकीदारों पर कोरोना की वजह से रोजगार का संकट उत्पन्न हो गया है। इनकी प्रतिनिधि संस्था कापसी, सेंट्रल एसोसियेशन आफॅ प्राइवेट सिक्यूरिटी इंडस्ट्री, ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि इनके रोजगार को बचाने के लिए कदम उठाए जाएं। अगर सरकार चाहे तो चौकीदारों को अस्पतालों, रेलवे स्टेशनों व अन्य स्थानों पर लोगों का तापमान नापने और अन्य कार्य में लगाया जा सकता है।
कापसी के चेयरमेन कुंवर विक्रम सिंह ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना की वजह से देश के सभी मॉल, बाजार, दुकान और कंपनियां बंद हो रही है। ऐसे में नियोक्ताओं की ओर से कहा जा रहा है कि चौकीदारों को छुटटी पर भेज दें। हमें उनकी सेवा की जरूरत नहीं है। ऐसे में सिक्यूरिटी सेवा को आवश्यक सेवा में शामिल करने की जरूरत है।
इसके साथ ही जीएसटी, ईएसआई और पीएफ संस्थानों को यह निर्देश भी दिया जाए कि वे इससे जुड़े टैक्स और अशंभागिता को एक निश्चित समय के बाद ही सुरक्षा एजेंसियों से वूसले करें जिससे देश के 22 हजार से अधिक निजी सुरक्षा एजेंसियां की ओर से चौकीदारों—सिक्यूरिटी गार्ड को समय से वेतन देने में सहायता मिले।
इसकी वजह यह है कि नियोक्ताओं की ओर से कोरोना की वजह से सिक्यूरिटी गार्ड के एवज में मिलने वाले पैसों की अदायगी में देर हो रही है। कुंवर विक्रम सिंह ने कहा है कि सरकार इस क्षेत्र पर ध्यान दें क्योंकि इससे देश के एक करोड़ परिवार और वह भी मध्यम वर्ग या निम्न मध्यम वर्ग खास तौर पर प्रभावित हो रहा है।