84 के सिख विरोधी दंगे: जस्टिस ढींगरा ने दाखिल की रिपोर्ट, SC ने कहा- 62 पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच होगी

By भाषा | Published: January 15, 2020 01:13 PM2020-01-15T13:13:04+5:302020-01-15T13:13:04+5:30

कोर्ट ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी के याचिकाकर्ता एसजीएस कहलोन को SIT द्वारा पेश की गई रिपोर्ट पर सुझाव देने की अनुमति दी। इस याचिका में 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में 62 पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच की मांग की गई है।

84 anti-Sikh riots: Justice Dhingra filed report, SC said- role of 62 policemen will be investigated | 84 के सिख विरोधी दंगे: जस्टिस ढींगरा ने दाखिल की रिपोर्ट, SC ने कहा- 62 पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच होगी

पीठ को मेहता ने सूचित किया कि इन मामलों के रिकार्ड उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री के पास हैं।

Highlightsकथित रूप में संलिप्त पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिये एक आवेदन दायर करेंगे।इस रिपोर्ट में की गयी सिफारिशें स्वीकार कर ली हैं और इस मामले में उचित कदम उठायेंगे।

केन्द्र ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि उसने 1984 के सिख विरोधी दंगों के 186 मामलों की जांच करने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एस एन ढींगरा की अध्यक्षता में गठित विशेष जांच दल की सिफारिशें स्वीकार कर ली हैं और वह कानून के अनुसार उचित कार्रवाई करेगी।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ को याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर एस सूरी ने सूचित किया कि विशेष जांच दल की रिपोर्ट में पुलिस अधिकारियों की भूमिका की निन्दा की है।

उन्होंने कहा कि वह 1984 के सिख विरोधी दंगों में कथित रूप में संलिप्त पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिये एक आवेदन दायर करेंगे। केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि उन्होंने इस रिपोर्ट में की गयी सिफारिशें स्वीकार कर ली हैं और इस मामले में उचित कदम उठायेंगे। मेहता ने कहा, ‘‘हमने सिफरिशें स्वीकार कर ली हैं और हम कानून के मुताबिक कार्रवाई करेंगे। अनेक कदम उठाने की आवश्यकता है और ऐसा किया जायेगा।’’

इस मामले की सुनवाई के दौरान सूरी ने विशेष जांच दल की रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि ऐसी सोच है कि जो कुछ भी हुआ था उसके लिये पुलिस अधिकारी बच नहीं सकते। सूरी ने कहा, ‘‘रिपोर्ट मे यह सुझाव दिया गया है कि पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कुछ न कुछ कार्रवाई की जानी चाहिए क्योंकि इसमे उनकी मिलीभगत थी। ये पुलिस अधिकारी बचने नहीं चाहिए। हम इस रिपोर्ट पर अपना जवाब दाखिल करेंगे’’

पीठ को मेहता ने सूचित किया कि इन मामलों के रिकार्ड उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री के पास हैं और उन्हें सीबीआई को लौटा देना चाहिए ताकि आगे कार्रवाई की जा सके। पीठ ने निर्देश दिया कि ये रिकार्ड गृह मंत्रालय को सौंप दिये जायें।

न्यायमूर्ति ढींगरा की अध्यक्षता वाले इस विशेष जांच दल में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी राजदीप सिंह और वर्तमान आईपीएस अधिकारी अभिषेक दुलार भी शामिल थे। शीर्ष अदालत ने 11 जनवरी, 2018 को इस जांच दल का गठन किया था जिसे उन 186 मामलों में आगे जांच करनी थी जिन्हें पहले बंद कर दिया गया था।

इस जांच दल में इस समय सिर्फ दो सदस्य हैं क्योंकि राजदीप सिंह ने व्यक्तिगत कारणों से इसका हिस्सा बनने से इंकार कर दिया था। इससे पहले, पिछले साल मार्च में शीर्ष अदालत ने विशेष जांच दल को अपनी जांच पूरी करने के लिये दो महीने का वक्त और दिया था।

न्यायालय को जांच दल ने सूचित किया था कि इन मामलों में 50 प्रतिशत से ज्यादा काम हो गया है और उसे जांच पूरी करने के लिये दो महने का समय और चाहिए। तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की 31 अक्टूबर, 1984 को उनके दो सुरक्षा कर्मियों द्वारा गोली मार कर हत्या किये जाने के बाद दिल्ली सहित देश के अनेक हिस्सों में बड़े पैमाने पर सिख विरोधी दंगे हुये थे। इन दंगों में अकेले दिल्ली में 2,733 व्यक्तियों की जान चली गयी थी। 

Web Title: 84 anti-Sikh riots: Justice Dhingra filed report, SC said- role of 62 policemen will be investigated

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