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राजस्थान में कोरोना के 80 फीसदी मरीज ठीक होकर जा रहे हैं घर, मृत्युदर भी 1.3 प्रतिशत

By रामदीप मिश्रा | Updated: August 29, 2020 08:24 IST

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि कोविड के दौरान मुख्यंमत्री का संकल्प है कि कोरोना से एक भी व्यक्ति की जान नहीं जाए। यही वजह है कि सरकार गंभीर मरीजों के लिए 40 हजार रुपए की कीमत वाला जीवनरक्षक इंजेक्शन निशुल्क उपलब्ध करवा रही है। 

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ठळक मुद्देरघु शर्मा ने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान राज्य में चिकित्सा के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने पर है। सरकार हर उस पहलू पर माइक्रो लेवल पर काम कर रही है, जिससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में राजस्थान देश भर के लिए नजीर बन सके।

जयपुरः राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान राज्य में चिकित्सा के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने पर है। सरकार हर उस पहलू पर माइक्रो लेवल पर काम कर रही है, जिससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में राजस्थान देश भर के लिए नजीर बन सके। राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश देशभर में लीडिंग स्टेट बन रहा है।

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि 22 लाख से ज्यादा लोगों की जांचें अभी तक की जा चुकी हैं। प्रतिदिन 35 हजार लोगों की आरटीपीसीआर टेस्ट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 51 हजार 640 जांचें प्रतिदिन करने की क्षमता विकसित कर ली है। प्रदेश के 22 जिलों में जांच की सुविधाएं विकसित कर ली गई है और जल्द ही शेष सभी जिलों में कोरोना की जांच होने लगेगी। 

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि कोविड के दौरान मुख्यंमत्री का संकल्प है कि कोरोना से एक भी व्यक्ति की जान नहीं जाए। यही वजह है कि सरकार गंभीर मरीजों के लिए 40 हजार रुपए की कीमत वाला जीवनरक्षक इंजेक्शन निशुल्क उपलब्ध करवा रही है। 

उन्होंने कहा कि देश भर में राजस्थान का रिकवरी रेशो अन्य राज्यों से बेहतर है। वर्तमान में लगभग 80 फीसद मरीज सही होकर घर जा रहे हैं। यही नहीं प्रदेश की कोरोना से होने वाली मृत्युदर भी 1.3 प्रतिशत रह गई है। प्रदेश के 5 मेडिकल कॉलेजों में प्लाज्मा थेरेपी के जरिए इलाज से करीब 211 गंभीर कोरोना मरीजों को जीवन दिया गया है। प्लाज्मा से 99 फीसद मरीज दुरुस्त हुए हैं। प्लाज्मा दान के प्रति भी लोगों को आने आना चाहिए।

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा है कि आखिरी छोर तक बैठक व्यक्ति को आधरभूत चिकित्सा सुविधा का लाभ मिले। सरकार की सोच थी कि हर जिले में एक मेडिकल कॉलज हो, इसके लिए सरकार के गठन से ही प्रयास शुरू हो गए। सरकार की तत्परता से प्रदेश के 15 जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने कीच स्वीकृति मिल गई। वर्तमान में प्राइवेट क्षेत्र में 8 मेडिकल कॉलेज राज्य में खुल चुके हैं। प्रदेश में केवल तीन जिले ही ऎसे हैं, जहां सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं हैं। राज्य सरकार इन जिलों में भी मेडिकल कॉलेज खुलवाने के प्रयास कर रही है।

डॉ. शर्मा ने बताया कि प्रदेश में पहले 1100 पीजी की सीटें थीं, जो सरकार के प्रयासों के चलते 950 सीटों में बढ़ोतरी हुई है। इसमें सुपर स्पेशियलिटी की भी सीटें हैं। कुल 1000 सीटों में बढ़ोतरी हुई है। आने वाले दिनों में राजस्थान में विशेषज्ञों की कोई कमी नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि मेडिकल शिक्षा लेकर ज्यादा से ज्यादा लोग इस क्षेत्र में आएं और आमजन की सेवा करें।

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