575 कश्‍मीरी देश सेवा के लिए सेना में भर्ती, अक्‍तूबर में 2000 और युवक आर्मी में होंगे शामिल

By सुरेश डुग्गर | Published: August 31, 2019 07:39 PM2019-08-31T19:39:46+5:302019-08-31T19:54:26+5:30

सुबह साढ़े नौ बजे बलिदानम् वीर लक्ष्णम गीत की मुधर धुनों पर ये युवा सधे कदमों के साथ मार्च पास्ट करते हुए जब तिरंगे को सलामी देते निकले तो दर्शक दीर्घाओं में बैठे लोग भी रोमांचित हो उठे।

575 Kashmiri enlisted in Indian army for country service, in October 2000 more youth to join | 575 कश्‍मीरी देश सेवा के लिए सेना में भर्ती, अक्‍तूबर में 2000 और युवक आर्मी में होंगे शामिल

जम्मू-कश्मीर के विभिन्न भागों से 575 युवा अपनी ट्रेनिंग पूरी कर भारतीय सेना में शामिल हो गए। (फोटो- एएनआई)

शनिवार को बाना सिंह परेड ग्राउंड जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री में आयोजित पासिंग आउट परेड में जम्मू-कश्मीर के विभिन्न भागों से ऐसे ही 575 युवा अपनी ट्रेनिंग पूरी कर भारतीय सेना में शामिल हो गए। उन्होंने देश की हिफाजत करने की कसम खाई।

सुबह साढ़े नौ बजे बलिदानम् वीर लक्ष्णम गीत की मुधर धुनों पर ये युवा सधे कदमों के साथ मार्च पास्ट करते हुए जब तिरंगे को सलामी देते निकले तो दर्शक दीर्घाओं में बैठे लोग भी रोमांचित हो उठे। दर्शकों की भीड़ में बैठे परिजन भी अपने बच्चों के चौढ़े सीने को फूला देख खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे थे। परेड की सलामी एडजुटेंट जनरल लेफ्टिनेंट जनरल अश्विनी कुमार ने ली।

श्रीनगर के स्थानीय निवासी वसीम अहमद मीर की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। उनका कहना था कि अब वह भी अपने पिता की तरह सेना में शामिल होकर मातृभूमि की सेवा करेंगे। वसीम ने कहा कि जब भी वह अपने पिता को सेना की वर्दी में देखता था, उसमें यह जनून पैदा होता था कि वह भी यह वर्दी पहने। आज जब यह सपना पूरा हो रहा है तो गर्व महसूस हो रहा है।

वसीम अहमद मीर। (फोटो - एएनआई)
वसीम अहमद मीर। (फोटो - एएनआई)

वहीं दीक्षांत समारोह के बाद अपने पिता अली मोहम्मद नायक के पास खड़े रिजवान ने कहा कि मैंने आज अपना शौक और अपने वालिद की ख्वाहिश पूरी की है। उड़ी निवासी रिजवान ने कहा कि मैं बचपन से फौजी बनना चाहता था। यह पूछे जाने पर कि कश्मीर में तो कुछ लोग कहते हैं कि हिंदोस्तान की फौज में नहीं जाना चाहिए, इस पर उसने कहा कि ऐसा सिर्फ कश्मीर और कौम के दुश्मन ही कहते हैं।

ऐसे में युवाओं के सेना में शामिल होने पर उनके चेहरे पर झलक रही खुशी की लहर हर किसी के लिए गर्व की बात है। वहीं युवाओं के साथ आए उनके परिजन भी खुश थे। उनका कहना था कि उनके बच्चे सेना में शामिल हुए हैं, ये उनके लिए गर्व की बात है। ये युवा जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री में शामिल हुए हैं। इसका गठन साल 1947 में घुसपैठ को रोकने के लिए किया गया था।

लेफ्टिनेंट जनरल अश्विनी कुमार ने इस मौके पर कहा कि भविष्य में भी इस क्षेत्र में इसी तरह की भर्ती रैलियां स्थानीय युवाओं के लिए आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि जो भी देश के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं, भारतीय सेना उनके साथ खड़ी है। जम्मू-कश्मीर के युवा जिस तरह से सेना में शामिल हो रहे हैं, वे यहां के बदल रहे हालात को साफ दर्शाता है।

Web Title: 575 Kashmiri enlisted in Indian army for country service, in October 2000 more youth to join

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